AAP में पंजाब vs दिल्ली की लड़ाई! भगवंत मान सरकार पर बढ़ा केजरीवाल की टीम का दबाव, पार्टी में क्यों बढ़ रहा टकराव?
दिल्ली चुनाव हारने के बाद अरविंज केजरीवाल और उनकी AAP पार्टी बिल्कुल नहीं चाहते कि पंजाब की कुर्सी भी उनके हाथ से निकल जाए. इसलिए वह लगातार रणनीति बना रहे हैं. दिल्ली के नेताओं को पंजाब में देखने के बाद पार्टी ने अंदर आंतरिक कलह जैसी स्थिति देखने को मिल रही है.

Aam Aadmi Party: दिल्ली की आम आदमी पार्टी इस बार के विधानसभा में बुरी तरह हाल चुकी है. अरविंद केजरीवाल को हराकर 27 साल बाद भाजपा ने दिल्ली की कुर्सी अपने नाम की. अब राजधानी में हार के बाद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत पार्टी ने बड़े नेता पंजाब में अपनी ताकत लगाते नजर आ रहे हैं.
पंजाब 27 विधानसभा चुनाव जीतने के लिए ऐंटी-चोटी का जोर लगाया जा रहा है. भगवंत मान सरकार में शामिल होने की कोशिश में एक नाम विजय नायर का भी शामिल है. अब मान सरकार ने नायर के दो लोगों को अहम पद से हटा दिया है.
पंजाब में ताकत झोंकती AAP
अरविंज केजरीवाल और उनकी AAP पार्टी बिल्कुल नहीं चाहते कि पंजाब की कुर्सी भी उनके हाथ से निकल जाए. इसलिए वह लगातार रणनीति बना रहे हैं. सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के करीबी विजय नायर कोशिशों में लगे हुए हैं. दिल्ली के नेताओं को पंजाब में देखने के बाद पार्टी ने अंदर आंतरिक कलह जैसी स्थिति देखने को मिल रही है.
आपस में मनमुटाव
पंजाब की मान सरकार ने चंडीगढ़ के सेक्टर 39ए में विधायकों और मंत्रियों के लिए बने आवास हैं. मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र चैन को पंजाब के मंत्रियों के बंगले में रहने की सुविधा दी गई है, जिससे मंत्रियों में नाराजगी देखने को मिल रही है.
लुधियाना पश्चिम उपचुनाव के दौरान विजय नायर ने सीएम मान की टीम के 8 सदस्यों को नौकरी से निकाल दिया था. इसके बाद पंजाब लीडरशिप ने नायर के दो सदस्यों से बाहर कर दिया. नेताओं का कहना है कि पंजाब में क्या होगा क्या नहीं इसका फैसला दिल्ली से ही करने की क्या जरूरत है. बता दें कि नायर अभी पंजाब में सोशल मीडिया का काम संभाल रहे हैं.
दिल्ली से पंजाब क्यों आ रहे नेता?
दिल्ली के आप के नेता पंजाब में ढेरा जमाए हुए हैं, जिससे पंजाब यूनिट नाराज नजर आ रही है. पार्टी के बीच आंतरिक कलह की स्थिति पैदा हो गई है, जो कि विधानसभा चुनाव के लिए खतरा बन सकती है. हाल ही में लुधियाना पश्चिमी सीट पर आप जीत गई और उसका क्रेडिट भी दिल्ली टीम ले रही है.
इस बात ने विवाद को और बढ़ा दिया है. इसके अवाला हेल्थ और सोशल वेलफेयर मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी सत्येंद्र जैन संभाल रहे हैं और सिसोदिया ने शिक्षा मंत्रालय और फाइनेंस की जिम्मेदारी ली है. इस तरह के फैसले से पंजाब टीम में तनाव देखने को मिल रहा है.