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छिपकली की पूंछ का नशा कर रहे कैदी, पंजाब की जेलों में कैसे हुआ इस हैरान कर देने वाली वारदात का खुलासा?

पंजाब की जेलों में कैदियों के छिपकली की पूंछ का नशा करने का खुलासा हो गया है. इस घटना ने जेल प्रशासन से लेकर हेल्थ एक्सपर्ट को भी हैरान करके रख दिया है. अब उन कैदियों की पहचान की जा रही है जो इसका नशा कर रहे थे.

छिपकली की पूंछ का नशा कर रहे कैदी, पंजाब की जेलों में कैसे हुआ इस हैरान कर देने वाली वारदात का खुलासा?
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( Image Source:  Sora_ AI )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Updated on: 22 Nov 2025 12:25 PM IST

पंजाब की जेलों से छिपकलियों के अचानक गायब होने का राज आखिरकार सामने आ गया है. जो तथ्य उजागर हुए, उन्होंने न केवल अधिकारियों बल्कि हेल्थ एक्सपर्ट को भी हैरत में डाल दिया. जांच में पाया गया कि कई कैदी छिपकली की पूंछ सुखाकर उसे पाउडर के रूप में नशे की तरह सेवन कर रहे थे. यह खुलासा इतना चौंकाने वाला था कि जेल प्रशासन ने तुरन्त सुरक्षा के मद्देनज़र पूरे परिसर से छिपकलियों को हटाने का निर्णय ले लिया.

पंजाब की जेलों में नशे की समस्या पहले ही बेहद गंभीर रही है, लेकिन छिपकली से तैयार लिज़र्ड पाउडर का चलन सामने आने के बाद हालात और भयावह लगने लगे हैं. लंबे समय से छिपकलियों की संख्या में गिरावट को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब तब मिला जब कुछ कैदियों के पास संदिग्ध पाउडर मिला और उसकी जांच में पूरा सच उजागर हो गया.

छिपकली की पूंछ का नशा कर रहे कैदी

जांच में सामने आया कि कैदी छिपकलियों की पूंछ काटकर उसे सुखाते और फिर पीसकर पाउडर बनाते थे. यह पाउडर तंबाकू, चायपत्ती या बीड़ी के मसाले में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता था. कई कैदियों ने दावा किया कि इससे उन्हें नशे जैसा असर महसूस होता है. यह अवैध पाउडर जेलों में धीरे-धीरे गुप्त नशे के रूप में फैलने लगा था.

पाउडर मिलने पर मचा हड़कंप

गश्त के दौरान अधिकारियों ने देखा कि कुछ कैदियों का व्यवहार सामान्य तंबाकू सेवन करने वालों से अलग दिख रहा था, वे अधिक उत्तेजित और असामान्य नजर आते थे. जब उन पर कड़ी निगरानी रखी गई, तो उनके पास संदिग्ध पदार्थ मिला और जांच में पाया गया कि ये छिपकली की पूंछ का पाउडर है.

जेल से छिपकलियां लगभग गायब

इसके बाद प्रशासन ने विशेष सर्वे कर जेल परिसर में छिपकलियों की संख्या जांची, अधिकांश जगहों पर पता चला कि छिपकलियां लगभग खत्म हो चुकी थीं, इसी आधार पर कार्रवाई करते हुए जैव विविधता विशेषज्ञों की मदद से छिपकलियों को जेल से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ने का निर्णय लिया गया.

जेल प्रशासन की कार्रवाई

उच्च अधिकारियों के निर्देश पर अब सभी जेलों में निगरानी बढ़ा दी गई है. जेल अधीक्षक ने कहा कि छिपकली की पूंछ का सेवन अत्यंत खतरनाक है क्योंकि इससे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. जेल प्रशासन उन कैदियों की पहचान कर रहा है जो इस कार्य में शामिल थे. उनके खिलाफ न केवल अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी, बल्कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत नई FIR भी दर्ज की जा सकती है.

पंजाब न्‍यूज
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