पठानकोट अस्पताल में हंगामा! खिड़की से शख्स कर रहा था दवा सप्लाई, डॉक्टर ने रंगे हाथों पकड़ा
डॉ. सोनिया मिश्रा ने युवक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'ये खुद को पत्रकार बताता है, लेकिन न्यूज की आड़ में अस्पताल में दवाइयां बेचने का काम करता है.' डॉक्टर का यह भी कहना है कि युवक ने अतीत में उनके खिलाफ बिना मंजूरी के खबर छापी थी और उनकी वीडियो बनाई थी, जो कि पूरी तरह से गलत था.' इसलिए उन्होंने यह वीडियो बनाकर वायरल कर दिया.

पठानकोट का सिविल अस्पताल एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गया है. इस बार वजह बनी अस्पताल की मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. सोनिया मिश्रा, जिन्होंने एक युवक को अस्पताल परिसर में संदिग्ध गतिविधियों के चलते रंगे हाथों पकड़ लिया. डॉक्टर ने दावा किया कि युवक अस्पताल में बाहरी दवाइयों की सप्लाई कर रहा था.
यही नहीं, उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसके बाद एसएमओ ने कहा कि इसके लिए जांच कमेटी बनाई गई है.
डॉक्टर ने लगाए गंभीर आरोप
डॉ. सोनिया मिश्रा ने युवक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'ये खुद को पत्रकार बताता है, लेकिन न्यूज की आड़ में अस्पताल में दवाइयां बेचने का काम करता है.' डॉक्टर का यह भी कहना है कि युवक ने अतीत में उनके खिलाफ बिना मंजूरी के खबर छापी थी और उनकी वीडियो बनाई थी, जो कि पूरी तरह से गलत था.' इसलिए उन्होंने यह वीडियो बनाकर वायरल कर दिया.
हरकत में अस्पताल प्रशासन
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, सिविल अस्पताल प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया. एसएमओ डॉ. सुनील चंद ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है. एसएमओ ने बताया कि 'मामले में एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के शामिल होने की बात सामने आ रही है. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.'
क्यों बार-बार विवादों में घिर रहा है अस्पताल?
यह कोई पहली बार नहीं है जब पठानकोट सिविल अस्पताल सुर्खियों में आया हो. इससे पहले भी कई बार अस्पताल के कामकाज और आंतरिक व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे हैं. अब सबकी निगाहें जांच कमेटी की रिपोर्ट पर टिकी हैं. क्या युवक दोषी साबित होगा या यह किसी निजी रंजिश का हिस्सा था? जवाब आने वाले दिनों में सामने आ जाएगा.