37 साल के बाद पंजाब झेल रहा ऐसी बाढ़, 23 जिलों के लोग बेहाल; बचाव में NDRF और सेना तैनात
पंजाब में लगातार बारिश और नदियों के उफान ने भयंकर तबाही मचा दी है. राज्य सरकार ने पूरे पंजाब को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है. प्रदेश के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और करीब 1400 गांव पानी में डूब चुके हैं. अब तक 30 लोगों की मौत और 3 लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है. सबसे ज्यादा असर गुरदासपुर और अमृतसर जिलों पर पड़ा है, जहां लाखों लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं.
पंजाब में इस बार बरसात राहत नहीं, आफत बनकर आई है. लगातार हो रही भारी बारिश और पहाड़ी इलाकों से छोड़ा गया पानी अब तबाही में बदल गया है. खेत, घर और सड़कें जलमग्न हो चुके हैं. हालात इतने बिगड़े कि राज्य सरकार को पूरा पंजाब आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित करना पड़ा. बताया जा रहा है कि यह बाढ़ पिछले 40 सालों में सबसे ज्यादा नुकसान करने वाली है. यह 1988 में आई बाढ़ से भी ज्यादा खतरनाक है.
मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने आधिकारिक पत्र जारी कर बताया कि सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. छोटे-बड़े मिलाकर करीब 1400 गांव पानी में डूब चुके हैं. गांवों में न केवल घर बल्कि पशुधन और कृषि भूमि भी तबाह हो गए हैं.
गुरदासपुर और अमृतसर सबसे प्रभावित
गुरदासपुर जिले का हाल सबसे खराब है. यहां 324 गांव पूरी तरह डूब गए हैं. अमृतसर के 135 गांवों में पानी भर गया है. बरनाला, होशियारपुर और कपूरथला के भी 100 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं. कई इलाकों में सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है.
प्रभावित लोगों की बढ़ती संख्या
अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 3.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं. अकेले गुरदासपुर में 1.45 लाख और अमृतसर में 1.17 लाख लोग संकट में हैं. हजारों लोग अस्थायी शिविरों और स्कूलों में रह रहे हैं. बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है.
मौत और लापता लोगों का आंकड़ा
सरकारी रिपोर्ट बताती है कि अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें सबसे ज्यादा 6 मौतें पठानकोट जिले में दर्ज हुई हैं. लुधियाना, अमृतसर, बरनाला और होशियारपुर में भी कई लोगों ने जान गंवाई है. तीन लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है.
नदियों का उफान और खतरा
घग्गर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बुधवार सुबह यह 7 फीट तक पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 8 फीट पर है. मोहाली, नंगल और चमकौर साहिब में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है. सतलुज और ब्यास के किनारे बसे गांव भी खतरे में हैं.
ढहते मकान और बर्बाद फसलें
बारिश और बाढ़ ने ग्रामीण इलाकों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. जालंधर के बस्ती शेख में एक घर ढह गया, सौभाग्य से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ. हजारों एकड़ धान और मक्का की फसलें पानी में समा गईं. किसान अब दोहरी मार झेल रहे हैं- एक तरफ खेती का नुकसान, दूसरी ओर घर का उजड़ना.
प्रशासन की सख्त तैयारियां
मुख्य सचिव ने छह अहम निर्देश जारी किए हैं. जिला मजिस्ट्रेट को आपात आदेश जारी करने का अधिकार दिया गया है. सभी विभागों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. बिजली, पानी और सड़क जैसी सेवाओं को तुरंत बहाल करने के आदेश दिए गए हैं. DDMA को प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने और सुरक्षित ठिकाने मुहैया कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
बचाव कार्यों में जुटी टीमें
चमकौर साहिब, गुरदासपुर और पटियाला में नावों के जरिए लोगों तक खाना और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं. NDRF और SDRF की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. कई जगह सेना भी मोर्चा संभाल रही है. प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों में मेडिकल टीमें भी तैनात हैं.
गुरदासपुर का मंड एरिया डूबा
गुरदासपुर के मंड क्षेत्र में 32 किलोमीटर का इलाका पूरी तरह जलमग्न है. कई घरों में कमर तक पानी भर गया है. नावों के जरिए स्थानीय लोग और बचाव दल मिलकर राहत पहुंचा रहे हैं. लोग अपने घरों से जरूरी सामान निकालकर सुरक्षित ठिकानों की ओर जा रहे हैं.
पंजाब सरकार की बड़ी चुनौती
पूरा राज्य आपदा क्षेत्र घोषित होने के बाद सबसे बड़ी चुनौती पुनर्वास की है. लाखों लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाना, उन्हें भोजन और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना आसान नहीं है. विशेषज्ञ मानते हैं कि पंजाब को दीर्घकालिक बाढ़ प्रबंधन योजना की सख्त जरूरत है, ताकि हर साल बरसात आफत न बने.
कुछ जरूरी सवालों के जवाब
1. पंजाब में बाढ़ से कितने जिले प्रभावित हुए हैं?
पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. अमृतसर, गुरदासपुर, जालंधर, कपूरथला, मोहाली, पटियाला, फाजिल्का और फिरोजपुर समेत कई जिलों में हालात बेहद गंभीर हैं.
2. बाढ़ से कितने गांव डूब चुके हैं?
करीब 1400 गांव पानी में डूब गए हैं. अकेले गुरदासपुर जिले के 324 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
3. अब तक कितने लोगों की मौत हुई है?
अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3 लोग अभी भी लापता हैं.
4. कितनी आबादी प्रभावित हुई है?
लगभग 3.5 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें से लाखों लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं.
5. सबसे ज्यादा नुकसान किन जिलों में हुआ है?
गुरदासपुर, अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर और कपूरथला सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल हैं.
6. सरकार और प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
राज्य सरकार ने पूरे पंजाब को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है. सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और राहत-बचाव कार्यों के लिए NDRF, SDRF और सेना को तैनात किया गया है.
7. क्या किसानों को भी नुकसान हुआ है?
हाँ, धान और मक्का की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है. इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.
8. लोग सुरक्षित स्थानों तक कैसे पहुंच रहे हैं?
प्रशासन और स्थानीय लोग नावों और बचाव टीमों की मदद से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रहे हैं.





