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SIR: कौन हैं BLO नीलू गौड़ जो मां के निधन के बाद भी काम पर लौटीं? समर्पण देख इंदौर के DM ने की तारीफ, बनी मिसाल

इंदौर निवासी और BLO (बूथ-लेवल अधिकारी) नीलू गौड़ ने अपनी मां के निधन के बाद भी SIR (मतदाता पुनरीक्षण) का काम जारी रखा. ऐसा कर वह न केवल कर्तव्यनिष्ठा दिखाई बल्कि प्रशासन और लोगों को प्रेरित कर दिया. उनके इस जज्बे पर वहां के कलेक्टर शिवम वर्मा ने सार्वजनिक रूप से उनकी सराहना की. वहीं, इस बात की जानकारी पर मिलने पर लोग कर रहे नीलू की वाहवाही.

SIR: कौन हैं BLO नीलू गौड़ जो मां के निधन के बाद भी काम पर लौटीं? समर्पण देख इंदौर के DM ने की तारीफ, बनी मिसाल
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( Image Source:  ANI )

ऐसा अमूमन कम होता है, लेकिन इंदौर निवासी एक बीएलओ ने मां के निधन के बाद भी जब कर्तव्य और संवेदनशीलता का तालमेल दिखा सबको चौंकाया तो लोग कहने लगे ऐसे बेहतरीन उदाहरण बहुत कम देखने को मिलते हैं. नीलू गौड़ वास्तव में काबिले तारीफ हैं. उनकी कहानी दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकती है. दरअसल, मध्य प्रदेश के इंदौर की BLO नीलू गौड़ ने हाल-ही में ऐसा ही उदाहरण पेश किया है. उन्होंने अपनी मां के निधन की सूचना के बाद भी, मतदाता पुनरीक्षण (SIR) का काम नहीं छोड़ा. उनके इस समर्पण को प्रशासन ने सराहा है.

कौन हैं नीलू गौड़?

नीलू गौड़ इंदौर की एक BLO (बूथ-लेवल अधिकारी) हैं, जो मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान में काम कर रही थीं. वे मात्र एक अधिकारी नहीं, राष्ट्रीय-स्तर की सॉफ्टबॉल खिलाड़ी भी रह चुकी हैं. काम के अलावा, वे वाणिज्य कर विभाग (Commercial Tax Department) की सहायक ग्रेड-III कर्मचारी भी हैं. इंदौर की विक्रम अवार्ड विजेता भी हैं.

क्या है पूरा मामला?

22 नवंबर 2025 को नीलू की मां का निधन हुआ. सुबह करीब 6 बजे उन्होंने अधिकारियों को फोन कर इस दुखद सूचना से अवगत कराया. उस समय उन्हें मतदाता फार्म बांटने, एकत्रित करने का काम जारी था. अधिकारियों ने उन्हें अवकाश लेने की सलाह दी, ताकि वे अंतिम संस्कार कर सकें.

इसके उलट, नीलू ने अवकाश लेने के बदले अपने कर्तव्य को प्राथमिकता दी. उन्होंने कहा कि जब तक पार्थिव शरीर नहीं आ जाता, वह काम जारी रखेंगी. यानी उन्होंने पहले SIR-कार्य पूरा किया, उसके बाद घर जाकर अंतिम संस्कार में शामिल हुईं.

इंदौर के डीएम ने क्या कहा?

जैसे ही यह खबर सामने आई, इंदौर के कलेक्टर शिवम वर्मा मौके पर पहुंचे और नीलू गौड़ से मिले. उन्होंने न सिर्फ संवेदना व्यक्त की बल्कि उनके समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की खुले मंच पर प्रशंसा भी की. प्रशासन ने नीलू को अन्य BLOs के लिए मिसाल बताया. डीएम ने कहा कि उनका ये जज्बा और कर्मयोग लोकतंत्र की भावना और जन-सेवा का प्रतीक है. यानी, दुख की घड़ी में भी उन्होंने ड्यूटी नहीं छोड़ी और प्रशासन ने इसे नोटिस किया एवं सराहा.

मामला प्रेरणादायी

अक्सर ऐसे क्षणों में व्यक्तिगत दुःख, परिवार और अन्य प्राथमिकताएं कर्तव्य से हटने का कारण बनती हैं, लेकिन नीलू ने दिखा दिया कि संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा दोनों साथ चले जा सकते हैं. यह संदेश देता है कि उद्देश्य सिर्फ काम पूरा करना नहीं बल्कि 'कर्तव्य, समर्पण और मानवता के साथ करना है.'

सिर्फ उम्दा खिलाड़ी नहीं, समर्पित बीएलओ

नीलू गौड़ कमर्शियल टैक्स ऑफिस इंदौर में असिस्टेंट ग्रेड-III के पद पर कार्यरत हैं. निर्वाचन कार्यों के दौरान उन्हें विधानसभा क्षेत्र इंदौर-5 पर बूथ लेवल अधिकारी (BLO) का दायित्व सौंपा गया है. नीलू गौड़ ने न सिर्फ शानदार खिलाड़ी हैं, बल्कि उन्होंने यह भी सिद्ध कर दिया कि वे एक ईमानदार, और समर्पित बूथ लेवल अधिकारी भी हैं.

बता दें कि नीलू ने जब BLO का कार्यभार ग्रहण किया, तब उनकी मां कैंसर की लास्ट स्टेज से जूझ रही थीं और इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती थीं. परिवार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, लेकिन नीलू गौड़ ने कर्तव्य से समझौता नहीं किया. दिनभर अपने काम और फिर अस्पताल में मां की देखभाल करती रहीं. सुबह से लेकर रात 9-10 बजे तक लगातार घर-घर जाकर SIR फॉर्म पहुंचाना, भरवाना, कलेक्ट करना और डिजिटाइजेशन कराना आदि कामों में जुटी रहीं.

22 नवंबर को मां की मौत के बाद उन्होंने सुबह 6 बजे रोते हुए अधिकारियों को फोन किया और मां की मौत के बारे में बताया. उन्होंने कहा- सर, अभी मां के पार्थिव शरीर को अस्पताल से लाने में समय लगेगा, तब तक मैं मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के काम में लगी रहती हूं और फॉर्म कलेक्ट करके घरों से ले आती हूं.

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