हिंदुस्तानी मम्मी और पाकिस्तानी पापा के 9 बच्चे कहां जाएंगे? MP के इस जगह फंस गया मामला
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का सख्त आदेश दिया है. लेकिन मध्य प्रदेश में एक जटिल मानवीय मामला सामने आया है.यहां जबलपुर, इंदौर और भोपाल में 9 ऐसे नाबालिग बच्चे हैं जिनकी मां भारतीय हैं जबकि पिता पाकिस्तानी नागरिक. अब सवाल ये है कि इन बच्चों का भविष्य क्या होगा.क्या वे मां के साथ भारत में रहेंगे या पिता के साथ पाकिस्तान लौटेंगे?

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानियों को लेकर सख्ती बढ़ा दी है. केंद्र सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि पाकिस्तानी नागरिक तय समय-सीमा के भीतर देश छोड़ दें. लेकिन मध्य प्रदेश में इस फैसले के अमल में एक पेचीदा मामला सामने आया है - 9 ऐसे नाबालिग बच्चे, जिनकी मां भारतीय हैं, लेकिन पिता पाकिस्तान के नागरिक. प्रशासन अब इस उलझन में है कि ये बच्चे भारत में अपनी मां के साथ रहेंगे या फिर पिता के साथ पाकिस्तान लौटेंगे.
बच्चों को लेकर असमंजस में प्रशासन
जबलपुर, इंदौर और भोपाल में ऐसे कुल 9 बच्चे हैं. जबलपुर में 3, इंदौर में 4 और भोपाल में 2 नाबालिग ऐसे हैं, जिनकी माताएं भारतीय हैं और पिता पाकिस्तानी नागरिक. यह मामला सिर्फ भावनात्मक ही नहीं, कानूनी और राजनयिक दृष्टि से भी जटिल हो गया है. बच्चों की नागरिकता, मानवाधिकार और पारिवारिक संरचना जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, मध्य प्रदेश पुलिस ने राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय से मार्गदर्शन मांगा है.
भोपाल में LTV आवेदन ने बढ़ाई उलझन
इस बीच, भोपाल में रहने वाले एक पाकिस्तानी नागरिक ने 25 अप्रैल को लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) के लिए आवेदन किया था - ठीक उसी दिन जब भारत सरकार ने पाकिस्तानियों को देश छोड़ने का आदेश जारी किया. अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि इस व्यक्ति का आवेदन वैध माना जाएगा या नहीं? अफसर इस मामले में भी केंद्र से स्पष्ट दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहे हैं.
केंद्र सरकार का आदेश क्या कहता है?
भारत सरकार ने 25 अप्रैल को एक सख्त निर्देश जारी किया था कि सभी पाकिस्तानी नागरिक, जो SAARC वीज़ा, टूरिस्ट, बिजनेस, मेडिकल या पत्रकार वीज़ा पर भारत में हैं, उन्हें 27 से 29 अप्रैल तक देश छोड़ना होगा. खासतौर पर मेडिकल वीज़ा पर आए लोगों के लिए अंतिम तारीख 29 अप्रैल तय की गई थी.
किसे मिली है राहत?
हालांकि इस आदेश से कुछ श्रेणियों को छूट दी गई है. लॉन्ग टर्म वीज़ा धारक, राजनयिक वीज़ा पर आए लोग, या ऐसे पाकिस्तानी हिंदू नागरिक जो धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत में शरण लिए हुए हैं, उन्हें बाहर नहीं निकाला जाएगा. इसके अलावा किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को तय सीमा से अधिक रुकने पर जेल और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है- जिसमें 3 साल की सज़ा और 3 लाख रुपये तक का दंड शामिल है.
अब आगे क्या?
फिलहाल इन 9 बच्चों को लेकर केंद्र से अंतिम फैसला आने का इंतजार है. प्रशासन की कोशिश है कि बच्चों का हित सबसे पहले देखा जाए, लेकिन कानून और विदेश नीति के नियमों का पालन भी जरूरी है. इस संवेदनशील मसले पर अब देश की नजरें केंद्र सरकार के निर्णय पर टिकी हैं.