Begin typing your search...

प्रेग्नेंट महिला का इलाज करने से अस्पताल ने किया इनकार! रास्ते में हुई डिलीवरी और बच्चे की मौत

Madhya Pradesh: रतलाम जिले स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ ने प्रसव पीड़ा का सामना कर रही महिला को भर्ती करने से मना कर दिया. महिला का पति उसे दो बार लेकर वहां पहुंचा था फिर लौट आया. रात को अचानक महिला को दर्द उठा फिर वह व्यक्ति ठेले पर ही बीवी को लेकर अस्पताल भागा, लेकिन रास्ते में महिला की डिलीवरी हो गई और बच्चा मरा पाया गया. अब परिजन ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है और जांच की मांग की है.

प्रेग्नेंट महिला का इलाज करने से अस्पताल ने किया इनकार! रास्ते में हुई डिलीवरी और बच्चे की मौत
X
( Image Source:  grok ai )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 19 Oct 2025 3:19 PM IST

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया, जिसके कारण उसके बच्चे की मृत्यु हो गई. महिला दो बार एडमिट होने के लिए गई थी, लेकिन उसे वापस भेज दिया गया.

जानकारी के अनुसार, प्रसव पीड़ा होने के बाद दो बार महिल का पति इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया था. वहां पहुंचा तो स्टाफ ने कहा, महिला को बच्चा देर से होगा. तीसरी बार जब दर्द ज्यादा हुआ तो वह अपनी पत्नी को ठेले पर लेकर गया. तभी रास्ते में उसकी डिलिवरी हो गई, जिससे नवजात की मौत हो गई. घटना 23 मार्च की बताई जा रही है.

प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

इस लापरवाही की वजह से महिला ने अपने बच्चे को खो दिया. परिजन ने काफी हंगामा किया, फिर प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि यह घटना 23 और 24 मार्च की देर रात में सैलाना कस्बे में घटित हुई. सोशल मीडिया पर तीसरी बार पत्नी को अस्पताल ले जाते हुए व्यक्ति का वीडियो वायरल हो रहा है.

क्या है मामला?

इस विवाद पर सरकार की ओर से बयान सामने आया है. सैलाना के उपमंडल मजिस्ट्रेट मनीष जैन ने बताया, 23 मार्च को सुबह 9 बजे सैलाना के कालिका माता मंदिर रोड निवासी कृष्ण ग्वाला अपनी पत्नी नीतू को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां नर्स चेतना चारेल ने उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया कि प्रसव दो-तीन दिन बाद होगा. इसके बाद रात 1 बजे उन्हें फिर से प्रसव पीड़ा हुई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया.

उन्होंने कहा, इस बार नर्स गायत्री पाटीदार ने जांच के बाद नीतू को यह कहते हुए भर्ती करने से इनकार कर दिया कि प्रसव 15 घंटे बाद होगा. दंपत्ति घर लौट आए. जब ​​महिला को दर्द उठा तो उसका पति उसे तीसरी बार हाथगाड़ी में अस्पताल ले गया. रास्ते में सुबह तीन बजे उसकी डिलीवर हो गई, लेकिन बाद में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि नवजात की मृत्यु हो गई है. जैन ने कहा, व्यक्ति ने बच्चे की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है और कार्रवाई की मांग की है. हम इस घटना की सख्ती से जांच करेंगे.

नर्स को किया निलंबित

जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएचओ डॉ. एमएस सागर इस मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा, ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर शैलेश डांगे के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य के स्वास्थ्य सेवा आयुक्त को पत्र भेजा गया है. नर्सिंग अधिकारी चेतना चारेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि एनएचएम की संविदा नर्सिंग अधिकारी गायत्री पाटीदार की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं.

MP news
अगला लेख