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छात्रों के सामने LED पर चली Porn मूवी, वीडियो वायरल होते ही मचा बवाल; जिम्मेदार कौन? जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के सुठालिया पीएमश्री स्कूल में कक्षा के दौरान एलईडी स्क्रीन पर अश्लील फिल्म चलने का मामला सामने आया है. घटना के समय कक्षा में करीब 13 छात्र मौजूद थे और एक छात्र ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. प्राचार्य हेमंत यादव के अनुसार यह घटना 6-8 महीने पुरानी है और वीडियो के जरिए 50,000 रुपये की मांग की गई थी. जिला शिक्षाधिकारी ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई है, जबकि बाल कल्याण समिति ने सख्त कार्रवाई की मांग की है.

छात्रों के सामने LED पर चली Porn मूवी, वीडियो वायरल होते ही मचा बवाल; जिम्मेदार कौन? जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन
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( Image Source:  AI )

PM Shri School Rajgarh scandal: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के सुठालिया स्थित पीएमश्री स्कूल में कक्षा के दौरान एलईडी स्क्रीन पर पोर्न मूवी चलने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. घटना के वक्त कक्षा में करीब 13 छात्र मौजूद थे. उसी दौरान एक छात्र ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

वर्तमान प्राचार्य हेमंत यादव ने बताया कि यह मामला लगभग 6-8 महीने पुराना है, जब वे इस पद पर नहीं थे. उनके मुताबिक, एक युवक ने यह वीडियो दिखाकर 50,000 रुपये की मांग की थी, और रकम न मिलने पर इसे वायरल कर दिया.


जिला शिक्षाधिकारी करणसिंह भिलाला ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है, जिसमें तीनों सदस्य विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य हैं.

'जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए'

घटना पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष साकेत शर्मा ने गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि शिक्षा संस्थानों में इस तरह की घटनाएं बेहद निंदनीय हैं और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं, स्थानीय लोगों में भी भारी आक्रोश है और वे दोषियों को कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं.



जनता और अभिभावकों में गुस्सा

घटना के बाद सुठालिया और आसपास के गांवों में अभिभावकों का आक्रोश बढ़ गया है. लोगों का कहना है कि अगर स्कूलों में ही बच्चे सुरक्षित नहीं हैं, तो शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं. कई अभिभावक स्कूल के बाहर इकट्ठा होकर प्रदर्शन की तैयारी में हैं.

बड़ी चिंताएं

यह घटना शिक्षा संस्थानों में साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल उपकरणों के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल खड़े करती है. ऐसे मामलों में बच्चों की मानसिक सेहत और भविष्य पर पड़ने वाले असर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अगर यह मामला ब्लैकमेलिंग से जुड़ा है, तो पुलिस को साइबर क्राइम और जबरन वसूली के तहत कड़ी कार्रवाई करनी होगी.

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