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भोपाल का ये गांव गरीबी रेखा से नीचे! 240 में से 71 परिवार निकले फर्जी, सरकारी राशन लेते लेकिन पास है लाखों की जमीन

Bopal News: भोपाल के नलखेड़ा गांव 240 परिवार गरीबी रेखा लिस्ट में पाया गया. कई सालों से वह राशन कार्ड की मदद से सरकारी राशन ले रहे हैं. हालांकि जांच में पता चला कि 240 परिवार में से 71 गांव में ही नहीं रहते थे.

भोपाल का ये गांव गरीबी रेखा से नीचे! 240 में से 71 परिवार निकले फर्जी, सरकारी राशन लेते लेकिन पास है लाखों की जमीन
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( Image Source:  canava )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 13 Aug 2025 10:31 AM IST

Bopal News: मध्य प्रदेश के भोपाल में बड़ा फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. यहां नलखेड़ा गांव में गरीबी रेखा को लेकर डेटा में गजब खुलासा हुआ. गांव के 240 परिवार गरीबी रेखा से नीचे मिले. इन्हें सरकार की ओर से राशन दिया जा रहा है. बीपीएल श्रेणी में पूरे गांव का नाम शामिल होने पर सरकार को शक हुआ.

केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक आपूर्ति मंत्रालय की ओर से जांच शुरू की गई. रिपोर्ट में पता चला कि 240 परिवार में से ज्यादातर सिर्फ सरकारी पेपर पर गरीब हैं, लेकिन आर्थिक रूप से सशक्त हैं. उनके खुद के घर हैं और वह टैक्स भी भरते हैं.

क्या है मामला?

मंत्रालय की जांच में पता चला कि बीपीएल लिस्ट में गांव के 240 परिवार में से 71 गांव में ही नहीं रहते थे. जबकि 63 परिवार के पास एक हेक्टेयर से ज्यादा जमीन है. इनमें कितने इनकम टैक्स भी भरते हैं. वहीं सिर्फ 6 परिवार ऐसे हैं, जिनके पास जमीन नहीं है.

इस मामले पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि मंत्रालय के निर्देश पर एक स्पेशल टीम का गठन किया गया. इसमें खाद्य निरीक्षक, पटवारी, पंचायत सचिव और ग्राम सेवक शामिल थे. टीम ने गांव के हर एक परिवार से जुड़ी जानकारी इकट्ठा की, जो कि अभी भी जारी है.

आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

टीम अभी कई और परिवार से जुड़ी जानकारी इकट्ठा कर रही है. जांच पूरी होने के बाद, रिपोर्ट मंत्रालय और एमपी सरकार को सौंपी जाएगी. प्रशासन ने सख्ती से कहा है कि इस गड़बड़ी में जिसका भी नाम शामिल होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही अपात्र लोगों को राशन कार्ड दिया जाएगा.

कौन हड़प रहा राशन?

वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत बीपीएल श्रेणी में आने वाले नागरिक देश के किसी भी कोने से राशन ले सकते हैं. इसलिए कई लोग गड़बड़ी भी रह रहे हैं. यहां गांव में जो गांव में नहीं रहता उनके फर्जी नाम दर्ज करवाया कोई उनके नाम से राशन ले रहा है. अब हर एक की जांच होगी की ग्रामीण कहां-कहां से राशन ले रहे हैं.

आधार सीडिंग के दौरान नकली या डुप्लिकेट राशन कार्ड की पहचान होने पर देशभर में लाखों कार्ड रद्द कर दिए गए हैं. केवल यूपी में ही 93 लाख से अधिक फर्जी कार्ड हटाए गए हैं. फर्जीवाड़ा या गड़बड़ी के मामले में इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ़ सेल (ePoS) संचालित राशन दुकानों (FPS) के लाइसेंस सस्पेंड या रद्द किए जा सकते हैं.

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