मुश्किलों को हरा कर हुए सफल, MPPSC में इन छात्रों ने किया टॉप; बोले- आसान नहीं था सफर
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) बोर्ड ने शुक्रवार को परीक्षा के परिणाम घोषित किए हैं. इस परक्षा में कई छात्रों ने टॉप किया है. जिनकी सफलता की कई चर्चाएं हो रही हैं. हालांकि परीक्षा में टॉप करना आसान नहीं था. उनके रास्ते में भी कई मुश्किलें आई लेकिन सभी को पार कर इस सफलता को हासिल किया.

अगर सपनों को पूरा करने की आशा हो तो उसे किसी भी कीमत पर हासिल किया जा सकता है. फिर चाहे रास्ते में कितनी भी मुश्किलें सामने क्यों न आ जाए. ऐसे ही मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने शुक्रवार को परीक्षा के रिजल्ट जारी किए हैं. इस परीक्षा में टॉप करने वालों की कहानी किसी मोटिवेशन से कम नहीं आइए जानते हैं, टॉपर्स के नाम.
इस परीक्षा में दीपिका पाटीदार ने टॉप किया है. इतना ही नहीं रीवा से एक ऑटो चालक की बेटी आयशा अंसारी डिप्टी कलेक्टर बनी हैं. भोपाल से सब्जी बेचने वाले का बेटा आशीष अस्सिटेंट डायरेक्टर बन गया है. परीक्षा में मिली सफलता के कारण छात्रों ने अपने परिजनों का नाम रोशन किया है.
सोशल मीडिया से दूरी, इतने घंटे पढ़ाई ये हैं सफलता के राज
टॉपर दीपिका ने परीक्षा में टॉप करने की कहानी के बारे में बताया है. उन्होंने बताया कि वो बेहद ही एक छोटे शहर से आती हैं. इसलिए उनका ये सफर आसान नहीं था. लेकिन उनकी मेहनत और लगन के कारण ये सपना पूरा हुआ. दीपिका ने बताया कि पूरी डेडीकेशन के साथ उन्होंने पढ़ाई की. 10 से 12 घंटे अपनी पढ़ाई को दिए. इतना ही नहीं सोशल मीडिया से तक दूरी बना ली थी. कभी टाइम पास नहीं किया.
अपने पिता का नाम किया रोशन
बता दें कि इसी तरह परीक्षा में 12th रैंक हासिल करने वाली रीवा से आयशा अंसारी का भी नाम शामिल हैं. आयशा के पिता पेशे से ऑटो ड्राइवर हैं. उनका सपना था कि परिवार का कोई एक सदस्य बड़ा अधिकारी बने. उनके इसी सपने को आयशा ने पूरा किया. इतना ही नहीं इन सब में उसने किसी की हेल्प नहीं ली यानी सेल्फ स्टडी से माता-पिता का सपना पूरा किया.
सब्जी वाले के बेटे ने किया सपना पूरा
इसी तरह आशीष सिंह चौहान नाम के एक छात्र ने परीक्षा में 841 मार्क्स हासिल किए हैं. उन्हें असिस्टेंट डायरेक्टर का पद संभालने को मिला है. उनके लिए भी परीक्षा पास करना बहुत बड़ी सफलता है. ऐसा इसलिए क्योंकी बेहद ही आम परिवार से आते हैं. उनके पिता ठेले पर सब्जी लगाने का काम करते हैं. उनकी मां हाउस वाइफ हैं. एक भाई है जो साड़ी की दुकान पर बैठता है. हमीदिया कॉलेज से बीए और एमए करने के बाद उन्होंने पीएससी की तैयारी शुरू की. अभी इंदौर से पीएचडी कर रहे हैं.