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नए कैंडिडेट को भगवान राम की तरह काटना होगा वनवास! MP पुलिस विभाग में ट्रेनिंग को लेकर गजब प्रस्ताव

MP News: एमपी पुलिस विभाग के ADG राजा बाबू सिंह ने नए कैंडिडेट के लिए रोजाना शाम को सोने से पहले रामचरितमानस के दो अध्याय पढ़ने की शुरुआत करने का प्रस्ताव रखा गया है. उन्होंने कहा कि अगर हम अपने सिपाहियों को संस्कृतिक संदर्भ में प्रेरित करना चाहते हैं, तो रामचरितमानस जैसी हमारी लोकधरोहर से बेहतर क्या हो सकता है?

नए कैंडिडेट को भगवान राम की तरह काटना होगा वनवास! MP पुलिस विभाग में ट्रेनिंग को लेकर गजब प्रस्ताव
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( Image Source:  canava )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Published on: 24 July 2025 10:03 AM

MP News: प्रभु श्रीराम से सीखने के लिए बहुत सी बातें हैं. उनके एक विचार को भी मनुष्य अपने जीवन में अपनाने लगे तो सफल हो जाएगा. अब मध्य प्रदेश में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में नए कैंडिडेट को राम का पाठ पढ़ाया जा रहा है. पुलिस विभाग ने रोजाना शाम को सोने से पहले रामचरितमानस के दो अध्याय पढ़ने की शुरुआत करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिससे वे घर की याद और मनोबल दोनों नियंत्रित रख सकें.

इंडियन एक्सप्रेस से ADG राजा बाबू सिंह बात की और कई अहम बातें बताई हैं. उन्होंने ही इस आदत को अपने दिनचर्या में शामिल करने का सुक्षाव दिया था. बता दें कि नए बैच ने राज्य के आठ पुलिस प्रशिक्षण स्कूलों (PTS) में इस सप्ताह अपनी 9 महीने की ट्रेनिंग शुरू की है.

क्या बोले ADG राजा बाबू सिंह?

इंडियन एक्सप्रेस को ADG राजा बाबू सिंह ने बताया कि लगभग 300 नए भर्ती ने अपने गृह जिले के नजदीक किसी केंद्र में भेजे जाने की याचिका दी थी. लेकिन अगर कुछ को ही केंद्र परिवर्तन की इजाजत दी गई. इसके बाद इसे बाकी केंद्रों में भी लागू करने की मांग उठने लगी.

उन्होंने भर्ती अधिकारियों को समझाया कि भगवान राम ने 14 वर्षों का वनवास बिताया, वन में जीवन कठिन परिस्थितियों में जीया, सेना का निर्माण किया, और विपत्तियों का सामना किया. तो 9 महीने की ट्रेनिंग घर से दूर क्यों नहीं सहा जा सकता? उन्होंने कहा कि अगर हम अपने सिपाहियों को संस्कृतिक संदर्भ में प्रेरित करना चाहते हैं, तो रामचरितमानस जैसी हमारी लोकधरोहर से बेहतर क्या हो सकता है?

बता दें कि राजा बाबू सिंह पहले भी गीता ज्ञान जैसे आध्यात्मिक पहलुओं को पुलिसिंग में जोड़ चुके हैं. जब वह ग्वालियर जोन में ADG थे, उन्होंने दशहरे के दौरान जेलों में गीता वितरित की थी. अब वही सोच रामायण आधारित प्रशिक्षण में लागू हो रही है.

रामचरितमानस बढ़ने से होने वाले बदलाव?

  • रामचरितमानस के कविता‑संगीत रूप में पाठ से मन को संतुष्टि और शांति मिलती है.
  • मंत्र-जाप से शरीर व मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा आती है, जिससे चिंता और तनाव कम होता है
  • नियमित पाठ से फोकस बेहतर होता है. निश्चित मानसिक शांति और काम में एकाग्रता आती है.
  • रामचरितमानस सत्य, धर्म, करुणा और उत्तरदायित्व जैसे सिद्धांत सिखाता है, जिससे जीवन पदचिह्न सही बनते हैं.
  • भगवान राम की कहानी से भक्ति भाव बढ़ता है. साथ ही यह पाठ भारतीय संस्कृति से जोड़ता है.
  • राम के वनवास की कहानी से सीख मिलती है कि कठिनाइयों में भी धैर्य बनाए रखना चाहिए.
  • समूह में पाठ करने से इमोशनल समर्थन मिलता है और परिवार व साथियों के साथ संबंध मजबूत होते हैं.
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