MP में तो गजब ही हो गया, दवा की जगह दारू! 108 इमरजेंसी डायल पर हर घंटे हो रही अजीबोगरीब डिमांड- स्टाफ परेशान
MP News: मध्य प्रदेश 108 इमरजेंसी नंबर पर कॉल करके शराब और मोबाइल रिचार्ज करने की अपील कर रहे हैं. कोई गाली दे रहा तो कोई कॉल करके शराब की बोतल लाने का ऑर्डर दे रहा है. नंबर पर करीब 4400 फर्जी कॉल आ रही हैं. यह नंबर अब मदद नहीं बल्कि मनोरंजन का जरिए बन गया है.

MP News: मध्य प्रदेश की जनता इन दिनों सरकार से ऐसी-ऐसी चीजों की डिमांड कर रही है, जिससे बड़े-बड़े अधिकारी परेशान हो गए हैं. इमरजेंसी नंबर गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां पर लोग 108 इमरजेंसी नंबर पर जरूरी काम के लिए मदद मांगने की जगह शराब की बोतल और मोबाइल रिचार्ज करने की अपील कर रहे हैं.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, 108 एक इमरजेंसी नंबर है, जिसका इस्तेमाल एक्सीडेंट या स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए किया जाता है. लेकिन एमपी में हर घंटे 200 कॉल अजीबोगरीब डिमांड की आ रही है. कॉल सेंटर का माहौल खराब हो गया है. कर्मचारी कॉल उठाकर परेशान हो गए हैं.
108 नंबर का गलत इस्तेमाल
108 नंबर पर कॉल करके लोग कह रहे हैं साहब फोन में रिचार्ज नहीं है. कोई गाली दे रहा तो कोई कॉल करके शराब की बोतल लाने का ऑर्डर दे रहा है. इस मामले पर डायल 108 सर्विस के सीनियर मैनेजर तरुण परिहार ने पूरी समस्या के बारे में अहम जानकारी दी. उन्होंने कहा, कुछ लोग बिना मतलब के फोन करके बाधित करते हैं कुछ साइलेंट कॉल आते हैं.
तरुण परिहार ने कहा कि कुछ लोग तो फोन करके गाली तक दे देते हैं. इस तरह से 108 नंबर का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. अगर सच में कोई परेशान होकर मदद के लिए कॉल कर रहा होगा, तो उसे लाइन बिजी बताएगी.
महिला कर्मचारी से बदतमीजी
यह भी कहा जा रहा है कि कुछ कॉल करके डायल 108 कॉल सेंटर की महिला कर्मचारियों को अपशब्द बोलते हैं. वहीं नेशनल हेल्थ मिशन के सीनियर ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. प्रभाकर तिवारी कहते हैं कि एंबुलेंस की मांग होती है तो हम सबसे पहले जरूरतमंद तक पहुंचाते हैं, लेकिन अगर इमरजेंसी नंबर का गलत इस्तेमाल होता रहा तो परेशानी बढ़ सकती है.
रोजाना कितने आते हैं फेक कॉल?
कॉल सेंटर में 108 हेल्पलाइन नंबर पर करीब 4400 फर्जी कॉल आ रही हैं. यह नंबर अब मदद नहीं बल्कि मनोरंजन का जरिए बन गया है. एमपी के सिवनी जिले में सालीवाड़ा गांव के लोग 108 नंबर पर कॉल करके प्रशासन की शिकायत कर रहे हैं. यहां सड़कें टूटी हैं, नाले और नालों में पानी की व्यवस्था भी गोल-मोल है. कई कोशिशों के बाद भी कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया.
एक दिन गांव वालों ने झूठ बोला की एक महिला को प्रसव दर्द उठा है और उससे डिलीवरी के लिए अस्पताल ले जाना है. जब स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस भेजी तो वहां बाढ़ से रास्ता टूटा था. टीम ने कॉल करके बोला आप नाले के इस पार आओ तो गांव वालों ने जवाब दिया, बहनजी ठीक है.
यह ये है कि हमें प्रशासन को गांव की समस्या दिखाकर उनका दर्द जगाना था. इसलिए ये नाटक किया. अब इसका पता लगाया जा रहा है कि ये फर्जी कॉल कौन और क्यों कर रहा है.