धाकड़ सेक्स कांड में एक और शख्स की एंट्री, ब्लैकमेलर को UPI से ट्रांसफर किए थे पैसे; पुलिस ने कैसे किया ट्रेस?
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भाजपा नेता मनोहर धाकड़ को ब्लैकमेल करने का मामला सामने आया है. टोलकर्मियों ने उनका आपत्तिजनक वीडियो बनाकर 50 हजार की मांग की. नेता ने कुछ रकम दी, बाकी न देने पर वीडियो वायरल कर दिया. पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर मोबाइल, गाड़ी और नकदी बरामद की है. मामला अब ब्लैकमेलिंग गिरोह की ओर इशारा करता है.

मंदसौर से गुजरने वाली दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर का एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में एक कपल गाड़ी से उतरता है और सेक्स करने लगता है. ये वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा था. इस वीडियो में पूर्व बीजेपी नेता मनोहर लाल धाकड़ का नाम आया और महिला का पता नहीं चला था. सोशल मीडिया पर लड़की का नाम लुबना कुरैशी बताया गया, इसके बाद कई नाम आए जो चर्चा में रहे. लोगों ने हिंदू मुस्लिम से लेकर जातिगत एंगल देने की कोशिश की और हल्ला मचाया.
अब वायरल हुए एक वीडियो ने अब नया मोड़ ले लिया है. मध्य प्रदेश के पूर्व भाजपा नेता मनोहर लाल धाकड़ को जिस वीडियो के जरिए बदनाम किया गया, वह सिर्फ एक ‘मोरल स्कैंडल’ नहीं बल्कि एक सुनियोजित ब्लैकमेलिंग ऑपरेशन था. भानपुरा थाना पुलिस ने इस साजिश में शामिल पांच टोलकर्मियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने अश्लील वीडियो बनाकर 50 हजार रुपये की मांग की थी. अब इस मामले में एक नए शख्स की एंट्री हुई है जिसे धाकड़ ने पैसे दिए थे.
कार का पीछा कर बनाया था वीडियो
13 मई को जब मनोहर धाकड़ अपनी गाड़ी से यात्रा कर रहे थे, तभी टोल कंपनी एमकेआई के कर्मचारियों ने उनकी कार का पीछा किया और आपत्तिजनक हरकतों का वीडियो बना लिया. फिर कार रोककर वीडियो दिखाया और उनसे 50 हजार रुपये की फिरौती मांगी. भाजपा नेता ने तत्काल 20 हजार रुपये नकद और 5 हजार UPI से दे दिए, लेकिन शेष राशि न मिलने पर वीडियो वायरल कर दिया गया.
ट्रांजेक्शन ने नए शख्स की एंट्री
पुलिस ने जब मामले की तह तक जाने की कोशिश की तो उन्हें मनोहर धाकड़ द्वारा आरोपी बने सिंह को किए गए UPI ट्रांजेक्शन के सबूत मिले. इसी डिजिटल ट्रेस को आधार बनाकर पुलिस ने पूरे गिरोह को चिह्नित किया. सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के सहारे इस घटनाक्रम की कड़ियां जोड़कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया.
कौन-कौन आरोपी और किन धाराओं में केस
पुलिस ने टोलकर्मियों - बने सिंह चौहान, अजय मीणा, कमलेश मेघवाल, सांवरलाल माली और रोहित नागर को आईटी एक्ट, भारतीय दंड संहिता की धारा 294 और 309(4) के तहत गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 10 हजार रुपये नकद और वीडियो रिकॉर्डिंग में प्रयुक्त वाहन जब्त किया गया.
भाजपा नेता को गिरफ्तारी के बाद बाद मिली थी जमानत
इस केस में भाजपा नेता मनोहर लाल धाकड़ को भी पहले गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उन्हें तत्काल जमानत मिल गई. पुलिस ने उनके खिलाफ अश्लीलता फैलाने की धारा 296, 285 और 3/5 के तहत केस दर्ज किया था. वहीं, वीडियो में दिख रही महिला की पहचान अब तक नहीं हो सकी है और उसकी तलाश जारी है.
संगठित ब्लैकमेलिंग का मामला
यह मामला सिर्फ एक राजनीतिक नेता के निजी जीवन से जुड़ा स्कैंडल नहीं, बल्कि एक्सप्रेसवे पर संगठित ब्लैकमेलिंग गैंग की ओर इशारा करता है. तकनीकी सबूतों और सुनियोजित ब्लैकमेलिंग पैटर्न से साफ है कि यह गिरोह लंबे समय से ऐसे मामलों में लिप्त हो सकता है. पुलिस अब इन आरोपियों के पुराने रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है.