महू से जुड़े हैं दिल्ली धमाके के तार, अल-फलाह यूनिवर्सिटी का अध्यक्ष निकला जवाद, लोगों का पैसा लेकर रातोंरात हो गया था गायब
दिल्ली धमाकों से जुड़ा नाम जब अलफलाह यूनिवर्सिटी तक पहुंचा तो जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए. यह वही यूनिवर्सिटी है जिसकी नींव महू निवासी जवाद अहमद सिद्दीकी ने रखी थी. जवाद सिर्फ संस्थापक ही नहीं बल्कि कुलाधिपति और यूनिवर्सिटी ट्रस्ट का अध्यक्ष भी है. लेकिन अब उसी संस्थान का नाम आतंक के साए में घिरता दिख रहा है.
दिल्ली धमाके की जांच में अब एक नया और चौंकाने वाला एंगल सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे मामले के तार मध्य प्रदेश के महू से जुड़े हुए हैं. दरअसल अल-फलाह यूनिवर्सिटी की नींव रखने वाला शख्स जवाद अहमद सिद्दीकी था, जिसका तालुक्क महू से था.
यह वही जवाद है, जिसने पहले कई लोगों से भारी रकम जुटाई थी और फिर अचानक गायब हो गया था. इतना ही नहीं, महू में जवाद के भाई पर केस भी दर्ज है. अब दिल्ली धमाके में उसका नाम सामने आने के बाद जांच एजेंसियां उसकी गतिविधियों को खंगालने में जुटी हैं. इस खुलासे ने न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है बल्कि स्थानीय स्तर पर भी हड़कंप मचा दिया है.
पहले खोली अलफलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी
कभी महू के कायस्थ मोहल्ले में रहने वाला यह परिवार लोगों के बीच भरोसे का प्रतीक माना जाता था. लेकिन साल 2001 में जवाद और उसके परिवार ने अलफलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी के नाम पर ऐसा जाल बुना कि कई निवेशक ठगी के शिकार बन गए. लोगों को दोगुना मुनाफा देने का लालच दिया गया. कहा गया कि उनके पैसों से एक निजी बैंक की तरह निवेश योजनाएं चलाई जाएंगी.
पैसे ठग गायब हुआ परिवार
पैसा लौटाने का समय आया तो परिवार ने किनारा कर लिया. महू के पीड़ितों ने जब दबाव बनाया तो पूरा परिवार रातोंरात शहर से गायब हो गया. उसी के बाद जवाद ने शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा. पहले एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोला और फिर अलफलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना कर दी.
कॉलेज में सभी आरोपी थे प्रोफेसर
इसी यूनिवर्सिटी में 36 साल के मुजम्मिल शकील एसोसिएट प्रोफेसर था. अब वही दिल्ली को दहलाने वाली साजिश में नामजद है. जांच में सामने आया कि घटना में शामिल डॉ. मोहम्मद नबी उमर भी इसी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था. उसने उस कार को लाल किले तक ले जाने में अहम भूमिका निभाई, जिसने पूरे देश को हिला दिया.
पुलिस की नई जांच रफ्तार
दिल्ली की घटना के बाद महू पुलिस दोबारा सक्रिय हो गई है. एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी के अनुसार, जवाद का परिवार कभी महू का चर्चित नाम था. उसके पिता मोहम्मद हामिद शहर के काजी भी रह चुके हैं. अब पुलिस फिर से जवाद के पुराने रिश्तेदारों और संपर्कों की जानकारी जुटा रही है, ताकि इस यूनिवर्सिटी और आतंक कनेक्शन की गुत्थी सुलझाई जा सके.





