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कौन थे सूर्या हांसदा, जिनके एनकाउंटर पर झारखंड विधानसभा में मचा बवाल? विपक्ष ने की सीबीआई जांच की मांग

झारखंड विधानसभा में सोमवार को भारी हंगामा हुआ. सूर्या हांसदा की कथित पुलिस मुठभेड़ में मौत को लेकर विपक्षी बीजेपी और सहयोगी दलों ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए नारेबाजी की, जबकि सत्ता पक्ष के झामुमो और कांग्रेस विधायक बिहार में वोटर लिस्ट संशोधन और 130वें संवैधानिक संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. हंगामे के बीच बीजेपी विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव रखा, जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया.

कौन थे सूर्या हांसदा, जिनके एनकाउंटर पर झारखंड विधानसभा में मचा बवाल? विपक्ष ने की सीबीआई जांच की मांग
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( Image Source:  X )

Who was Surya Hansda: झारखंड विधानसभा का माहौल सोमवार (25 अगस्त) को गरमा गया. सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के विधायक सदन के भीतर नारेबाजी और हंगामे पर उतर आए, जिसके चलते स्पीकर रवींद्र नाथ महतो को दो बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी भाजपा और सहयोगी दलों के विधायक सूर्या हांसदा की कथित एनकाउंटर मौत की जांच CBI से कराने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. वहीं, झामुमो और कांग्रेस के विधायक बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध जताने लगे.

दोपहर 12:34 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो भाजपा विधायक राज सिन्हा और आलोक चौरेसिया ने क्रमशः सूर्या हांसदा एनकाउंटर और RIMS-2 परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव रखा. लेकिन स्पीकर ने दोनों प्रस्तावों को खारिज कर दिया और कहा कि इन पर चर्चा बाद में कराई जा सकती है. इस फैसले से नाराज भाजपा विधायक वेल में उतर आए और सरकार से तत्काल जवाब की मांग करने लगे.

इसी बीच वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने झारखंड में ‘एकीकृत वित्तीय प्रणाली’ और ‘वित्त वर्ष 2023-24 की राज्य वित्त स्थिति’ पर कैग रिपोर्ट सदन में पेश की, लेकिन हंगामे के कारण सदन सिर्फ 10 मिनट चल सका और दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

'सूर्या की हत्या से अब सैकड़ों आदिवासी बच्चे अनाथ हो गए'

झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व बीजेपी विधायक बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सूर्या हांसदा एक राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति थे, जो सैकड़ों गरीब आदिवासी बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाते थे. पुलिस ने उनकी हत्या कर इसे एनकाउंटर का रूप देने का प्रयास किया है. सूर्या की हत्या से अब सैकड़ों आदिवासी बच्चे अनाथ हो गए हैं.

सूर्या हांसदा के एनकाउंटर पर पुलिस ने क्या दावा किया?

गौरतलब है कि सूर्या हांसदा, जो कई बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके थे, को 10 अगस्त को देवघर के नवाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस का दावा है कि हथियार बरामदगी के लिए उन्हें रहदबाड़िया पहाड़ियों पर ले जाया जा रहा था, तभी उन्होंने पुलिस का हथियार छीनकर गोली चला दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस की फायरिंग से उनकी मौत हो गई.

कौन थे सूर्या हांसदा?

सूर्या हांसदा झारखंड के एक सक्रिय नेता थे. उन्होंने कई बार विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. वे देवघर ज़िले के नवाडीह गांव से आते थे. उन्हें झारखंड के कुछ आदिवासी और स्थानीय आंदोलनों में सक्रिय माना जाता था. हांसदा पर आपराधिक गतिविधियों और नक्सली/कट्टरपंथी गुटों से जुड़ाव के आरोप भी लगे, हालांकि उन्होंने अपने राजनीतिक अभियानों में खुद को जनता का नेता बताया.

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