झारखंड का कबाड़ी या कुबेर? 750 करोड़ के घोटाले मामले में ईडी की छापेमारी से उड़े लोगों के होश, 8 घंटे तक चली तलाशी
बबलू जो अब तक एक कबाड़ी कारोबारी के रूप में जाना जाता था, उसका नाम अब एक बहुचर्चित घोटाले में सामने आ रहा है. क्या वो केवल मोहरा है या फिर कोई अहम कड़ी? ईडी की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में कई और खुलासे हो सकते हैं.

मंगलवार की सुबह साहिबगंज का बंगाली टोला अभी नींद से पूरी तरह जागा भी नहीं था कि सफेद रंग की इनोवा गाड़ी अचानक एक घर के सामने आकर रुकी. सुबह के करीब 7:10 बजे होंगे. ईडी के चार अधिकारियों की एक टीम ने चुपचाप संतोष कुमार गुप्ता उर्फ बबलू के घर छापा मारा.
किसी को भनक तक नहीं लगी और कुछ ही पलों में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की टीम घर के भीतर दाखिल हो गई. जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, घर के बाहर सीआरपीएफ के जवान तैनात कर दिए गए. मुहल्ले में सनसनी फैल गई. देखते ही देखते लोगों की भीड़ जमा होने लगी. बंगाली टोला की गलियों में चर्चा तेज हो गई कि बबलू के घर ईडी का छापा पड़ा है.
कौन हैं संतोष गुप्ता उर्फ बबलू
बबलू और उनका भाई सालों से एक ही मकान में रहते हैं. मुहल्ले के लोगों के मुताबिक, बबलू कबाड़ के सामान की खरीद-बिक्री करता है. उनके घर के सामने ही कबाड़ में खरीदे गए बोरियों का ढेर हमेशा लगा रहता है. लोग उन्हें एक साधारण कारोबारी मानते थे , लेकिन ईडी की दस्तक ने सबको चौंका दिया.
अंदर क्या चल रहा था?
ईडी टीम ने घर के भीतर जांच शुरू की, तो बाहर लोगों की निगाहें घर के हर मूवमेंट पर टिकी थीं. कुछ देर बाद टीम एक युवक को साथ लेकर इनोवा कार से कहीं गई और थोड़ी देर में वापस लौटी. सुबह करीब 9:50 से 10:20 के बीच दो ईडी अधिकारी बाहर निकले. एक ने कार के ड्राइवर से बातचीत की और अंदर लौट गए, तो दूसरे ने अपना लैपटॉप मंगवाया.
750 करोड़ का घोटाला: क्या है असली वजह?
सूत्रों से जो जानकारी सामने आई है, वो चौंकाने वाली है. बताया जा रहा है कि झारखंड में हुए 750 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले की जांच के सिलसिले में यह छापा मारा गया है. हालांकि, ईडी के किसी भी अधिकारी ने अब तक मीडिया को आधिकारिक जानकारी नहीं दी है. छापेमारी के पूरे आठ घंटे बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं है.
क्या बबलू का नाम बड़े घोटाले से जुड़ा है?
बबलू जो अब तक एक कबाड़ी कारोबारी के रूप में जाना जाता था, उसका नाम अब एक बहुचर्चित घोटाले में सामने आ रहा है. क्या वो केवल मोहरा है या फिर कोई अहम कड़ी? ईडी की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में कई और खुलासे हो सकते हैं.