भद्दा मजाक! झारखंड में मजदूरों को थमा दिए ‘मनोरंजन बैंक’ के नकली नोट, भड़के लोग, क्या है पूरा मामला?
Fake Note Jharkhand: झारखंड के खूंटी जिले के एक गांव में मजदूरी कर रहे गरीब मजदूरों के साथ वन विभाग ने बड़ा धोखा किया. मजदूरों को मेहनताना देने के बजाय 'मनोरंजन बैंक' के नकली नोट थमा दिए गए. इस अमानवीय हरकत के बाद गांव में हंगामा मच गया. आरोपी की तलाश शुरू हो गई. विभागीय अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

झारखंड के खूंटी जिले के गांव से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. मामला यह है कि वन विभाग ने मजदूरों को मजदूरी के बदले नकली नोट थमा दिए. सोचिए… आप दिन-रात मेहनत करें, धूप में पसीना बहाएं, ईंट-पत्थर ढोएं… और बदले में मिले ‘मनोरंजन बैंक’ के नकली नोट दिए जाएं तो आपका क्या हाल होगा? झारखंड में मजदूरी कर रहे कुछ मजदूरों के साथ यही हुआ. मजदूरों ने ईमानदारी से काम किया, लेकिन जब पैसे देने की बारी आई तो उन्हें थमा दिए गए बच्चों के खेलने वाले नोट, जिन पर लिखा था - 'मनोरंजन बैंक.'
खूंटी जिले के वन विभाग का कारनामा सिर्फ भद्दा मजा नहीं बल्कि उन गरीबों की मेहनत और आत्मसम्मान का सरेआम अपमान है. इस मामले का खुलासा होते ही गांव में बवाल मच गया. अब प्रशासन हरकत में है. आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई है. मजदूर पूछ रहे हैं कि क्या भारत में गरीब की मेहनत की अब कोई कीमत नहीं बची? गांव वाले वन विभाग के गार्ड पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
मामले की जांच शुरू
यह घटना सरकारी विभाग से जुड़ी होने के कारण अब तूल पकड़ने लगी है. पीड़ित मजदूर न्याय की गुहार लगा रहे हैं और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
क्या है पूरा मामला?
झारखंड के खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के एरमेरे गांव में वृक्षारोपण के लिए गड्ढे खुदवाने का काम चल रहा था. इस काम में गांव के कई मजदूर लगाए गए थे. काम पूरा होने के बाद मजदूरी के रूप में उन्हें जो पैसे मिले, वो देखकर सबके होश उड़ गए. मजदूरों को मजदूरी के बदले जो 200-200 के जो नोट दिए गए, उन पर 'मनोरंजन बैंक' लिखा था.
इस मामले का खुलासा उस समय हुआ जब एक मजदूर ने नोटों को गौर से देखा तो उसे कुछ अजीब लगा. उसने पाया कि नोट असली नहीं बल्कि नकली थे. उसने इसकी सूचना सभी मजदूरों को उसी समय दी. देखते ही देखते पूरे गांव में हड़कंप मच गया और लोग मौके पर इकट्ठा हो गए.
राहुल महतो ने दिए फेक नोट - बर्नार्ड आइंद
इस मामले में गांव के प्रधान बर्नार्ड आइंद ने बताया कि यह नकली नोटों की गड्डी वन विभाग के गार्ड राहुल महतो ने उन्हें सौंपी थी. ताकि मजदूरों को भुगतान किया जा सके. राहुल महतो खुद एरमेरे गांव आए थे और प्रधान से दो कटहल भी मांगे थे. कटहल देने के बाद उन्होंने 200-200 रुपये के नोटों की गड्डी उन्हें दी, जिसे बाद में मजदूरों में बांट दिया गया.
वन विभाग ने पेश की सफाई
इस मामले का खुलासा होने पर वन विभाग ने कहा है कि वे पूरे प्रकरण की जांच कर रहे हैं. यह पता लगाया जा रहा है कि नकली नोट कहां से आए, किस मकसद से दिए गए और इसमें कौन-कौन शामिल हैं? गांव के लोग गार्ड राहुल महतो पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह सिर्फ मजदूरों का नहीं बल्कि पूरे गांव का अपमान है.