75 सालों बाद झारखंड के इन जिलों में पहुंच रहा रेल नेटवर्क, बनने जा रही रेलवे लाइन
झारखंड के कुछ जिलों में आजादी के 75 सालों बाद भी रेल नेटवर्क नहीं पहुंचा है. इस कारण काफी लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन इन लोगों के लिए खुशखबर सामने आई है. दरअसल रेल मंत्रालय ने इन जिलों में रेल लाइन जोड़ने का फैसला लिया है. ऐसे में सालों बाद रेल सेवा का लाभ लोग अपने जिलों से उठा पाएंगे.

एक शहर से दूसरे शहर तक सफर करना हो तो ट्रेन का सफर आरामदायक और सुहावना लगता है. ट्रेन दो शहरों को आपस में जोड़े रखने का काम करती है. साल 1853 में 16 अप्रैल को ट्रेनों को भारत में लाया गया था. तब से लेकर अब तक इसका लाभ उठाया जा रहा है. लेकिन अगर हम आपसे कहे कि अभी भी कुछ ऐसे शहर या फिर जगह है जहां रेलवे की व्यवस्था नहीं है तो क्या आप विश्वास करेंगे? शायद नहीं क्योंकी अब तक रेल सेवाएं लगभग कई शहरों को आपस में जोड़ चुकी है.
आपको जानकर हैरानी होगी की झारखंड में कुछ जगह ऐसी हैं जहां आजादी के बाद पहली बार ट्रेन की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. आपने बिल्कुल सही पढ़ा ये मामला झारखंड के खूंटी, सिमडेगा, गुमला और चतरा जिले से सामने आया है. जहां 75 साल के बाद पहली बार ट्रेन चलाई जा रही है. इस संबंध में रेल मंत्रालय का बयान सामने आया है. मंत्रालय का कहना है कि बताए गए सभी जिलों को रेल से जोड़ा जा रहा है. इन्हें रांची डिवीजन के अंडर ही नियंत्रित भी किया जाएगा.
रेलवे से जोड़े जाएंगे ये क्षेत्र
मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी अनुसार शुरुआती सर्वे रिपोर्ट तैयारी कर ली गई है. इतना ही नहीं डिटेल रिपोर्ट DPR के लिए रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है. वहीं कनेक्टिवटी में गुमला, खूंटी और सिमडोगा जिले का नाम शामिल है. रांची-लोहरदगा रेल लाइन से इन्हें जोड़ा जा रहा है. इसी तरह, चतरा को रांची-हजारीबाग रेल मार्ग के साथ रेलमार्ग से जोड़ा जाएगा. बता दें कि झारखंड रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर डिपार्टमेंट ने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी है. जिसके बाद डेवलपमेंट की भी मंजूरी सरकार की ओर से मिल गई है. साथ ही डिटेल रिपोर्ट इंडियन रेलवे के पास भी भेजी गई है.
रेल व्यवस्था न होने से परेशान लोग
इन जगहों पर रेल नेटवर्क न होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकी खराब सड़कों के कारण लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती हैं, और रेल न होने के कारण कोई और विकल्प नहीं बचता. ऐसे में अगर नेटवर्क को इन जगहों पर पहुंचाया जाएगा तो कई चीजों में आसानी होगी जैसे कम दाम तक चीजों को आसानी से पहुंचाया जा सकेगा. जिन लोगों को ओडिशा जाकर ट्रेन पकरड़नी पड़ती थी उनकी समस्या का समाधान होगा.