लॉरेंस का 'जिगरी दोस्त' अमन साहू एनकाउंटर में ढेर, हजारीबाग में NTPC डीजीएम की हत्या में था शामिल
झारखंड पुलिस के हाथों बड़ी सफलता लगी है. जहां पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. झारखंड पुलिस पिछले साल अमन साहू गिरोह के खिलाफ व्यापक अभियान चला रही थी. वहीं, हाल ही में हुई NTPC डीजीएम की हत्या में अमन साहू का भी नाम सामने आया था.

झारखंड में कानून-व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बने कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को मंगलवार सुबह पलामू के चैनपुर के अंधारी ढोड़ा में पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया. पूछताछ के लिए रायपुर से रांची ले जा रहे साहू को पुलिस रिमांड पर लिया गया था, जब उसे ले जा रही गाड़ी पलामू के चैनपुर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई.
मौके का फायदा उठाकर साहू ने कथित तौर पर पुलिस की बंदूक छीन ली और भागने की कोशिश की. जब अधिकारियों ने उसे पकड़ने की कोशिश की, तो उसने गोलियां चला दीं, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की. साहू को कई गोलियां लगीं और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई.
NTPC डीजीएम की हत्या से जुड़ा नाम
8 मार्च की सुबह जब वह अपने ऑफिस जा रहे थे. इसी दौरान अपराधियों ने एनटीपीसी के डीजीएम रैंक के ऑफिसर कुमार गौरव पर गोली चला दी, जो उनकी पीठ पर लगी. घटना के तुरंत बाद कुमार गौरव को अस्पताल ले जाया गया. वहीं, डॉक्टर ने उन्हें मृत बताया. इस हत्याकांड में अमन का नाम भी सामने आया था.
लॉरेंस बिश्नोई का है खास
अमन साहू का संबंध लॉरेंस बिश्नोई से है. सूत्रों की मानें, तो अमन लॉरेंस को गुंडे सप्लाई करता था, जिसके बदले वह हथियार लेता है. अब ऐसे में अमन के एनकाउंटर से लॉरेंस बिश्नोई गैंग को बड़ा झटका लगा है.
कोयला ट्रांसपोर्ट पर अमन की नजर
अमन साहू का गिरोह खासकर कोयला ट्रांसपोर्टरों और बिजनेस को निशाना बनाता है. इसके अलावा, वह जबरन वसूली, आगजनी, हत्या और गोलीबारी की घटनाओं में शामिल होने के लिए कुख्यात था. मुठभेड़ से ठीक तीन दिन पहले, उसके गिरोह के सदस्यों ने रांची के बरियातू रोड इलाके में कोयला ट्रांसपोर्टर बिपिन मिश्रा पर गोलीबारी की थी.
, जिसके तहत गिरोह के 30 से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था.