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अनोखी शादी... भारत की ऐसी जगह जहां दुल्हन ले जाती है बारात, दहेज के रूप में 'गोनोंग' देता है दूल्हा

जहां हमेशा हम सभी सुनते आए है कि लड़के वाले ही शादी के नाम पर मोटा दहेज़ लेते है. लेकिन इस मामले में भी 'हो' समुदाय की परंपराएं बाकी समाज से अलग है.

अनोखी शादी... भारत की ऐसी जगह जहां दुल्हन ले जाती है बारात, दहेज के रूप में गोनोंग देता है दूल्हा
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 3 Feb 2025 9:30 AM IST

भारत में अक्सर हम देखते आएं की दूल्हा अपनी दुल्हनियां को ब्याहने के लिए पूरे गाजे-बाजे के साथ बरात लेकर जाता है. लेकिन क्या हो अगर दूल्हे के बदले दुल्हन को बारात लेकर जाना पड़े. कुछ ऐसा ही होता है झारखंड के खूंटी जिले में रहने वाले 'हो' आदिवासी समुदाय में. जहां शादी के दिन दूल्हा नहीं बल्कि दुल्हन बारात लेकर जाती है और दूल्हे को शादी कर के ले आती है. सिर्फ इतना ही नहीं जहां हमेशा हम सभी सुनते आए है कि लड़के वाले ही शादी के नाम पर मोटा दहेज़ लेते है. लेकिन इस मामले में भी 'हो' समुदाय की परंपराएं बाकी समाज से अलग है. जिसमें लड़की वाले लड़के वालों से दहेज लेते है. यह परंपरासालों से चली आ रही है.

इतिहासकारों के मुताबिक झारखंड के 'हो' समुदाय में इस परंपरा के पीछे एक खास वजह है. यहां पर दुल्हन का बरात ले जाना 'हो' समाज में महिलाओं की स्थिति मजबूत करने के रूप में दर्शाता है. यह परंपरा महिलाओं को समृद्धि और उन्हें बोझ न समझने के उदेश्य से बनाई गई है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि आज भी अधिकांश जगहों पर लड़कियों को बोझ समझा जाता है. लेकिन झारखंड की यह परंपरा महिलाओं की गरिमा बढ़ाने का एक सही उदहारण साबित हुई है.

दुल्हन नहीं होती विदा

'हो' समाज में शादी की रस्में भी दिलचस्प होती हैं. दुल्हन बारात लेकर आती है और शादी की सभी रस्में पूरी होने के बाद बारात तो लौट जाती है, लेकिन दुल्हन अपने ससुराल में ही रह जाती है. समुदाय के एक सदस्य ने कहा कि उनके समाज में लड़कियों का विशेष सम्मान किया जाता है. महिलाओं को देवी के समान माना जाता है क्योंकि वे जीवनदायिनी हैं.

लड़के वाले देते है दहेज़

आम शादियों में दूल्हा पक्ष दुल्हन पक्ष में लाखों की नकदी और सोने के जेवरात लेता है. लेकिन 'हो' समुदाय औरों से अलग है जिसने दहेज के इस नियम को उल्टी दिशा में ला दिया है. दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हो समुदाय के लोगों के मुताबिक, शादी के दौरान दूल्हे के परिवार को दुल्हन पक्ष को 'कन्या धन' देना होता है. इसे 'गोनोंग' कहा जाता है. वहीं लड़के के परिवार वाले अपनी इच्छा से लड़की को कुछ भी तोहफा दे सकते है. लेकिन दहेज़ को दिखावे के मकसद से नहीं देना अनिवार्य है.

यहां भी है कुछ ऐसी परंपरा

बता दें कि भारत में झारखंड का 'हो 'समुदाय' एक लौता नहीं है जहां दुल्हन बरात लेकर जाती है. उसके अलावा छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में भी ऐसा ही होता है जहां दुल्हन बरात लेकर जाती है दूल्हे को ब्याहकर लाती है. सिर्फ इतना ही नहीं अबूझमाड़ इलाके की लड़कियां अपनी मर्जी से शादी के लिए लड़के चुनती हैं.

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