मैं परफेक्ट बच्ची नहीं बन पाई... बैकलॉग और एग्जाम स्ट्रेस के चलते बी.टेक स्टूडेंट ने किया सुसाइड, हॉस्टल में मिला सुसाइड नोट
ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय में पढ़ रही 20 साल बी.टेक छात्रा प्रिंसी कुमारी ने हॉस्टल में आत्महत्या की. कहा जा रहा है कि छात्रा एग्जाम के स्ट्रेस से परेशान थी. इसलिए उसने यह कदम उठाया. वहीं, पुलिस ने स्टूडेंट का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है,
झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली प्रिंसी ने आत्महत्या की. दरअसल वह छत्तीसगढ़ के ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय में बी.टेक कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रही थी. दूसरे साल के एग्जाम और बैकलॉग के चलते वह काफी समय से परेशान थी. ऐसे में एक दिन प्रिंसी ने खुद अपनी जान ले ली.
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छात्रा का शव उसके हॉस्टल रूम में पाया गया और उसके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जिसमें उसने अपने माता-पिता से माफी मांगी और अपने मानसिक दबाव के बारे में बताया. यह घटना छात्रों पर बढ़ते शैक्षणिक और मानसिक दबाव की गंभीरता को सामने लाती है.
दिल दहला देने वाला सुसाइड नोट
पुलिस ने प्रिंसी के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद किया. नोट में उसने अपने माता-पिता से माफी मांगते हुए लिखा कि वह उनके सपनों का “परफेक्ट बच्चा” नहीं बन सकी. इतना ही नहीं, प्रिंसी ने यह भी लिखा कि उसे इस बात का बुरा लग रहा है कि उसकी पढ़ाई पर 1 लाख रुपये खर्च किए गए.
ऐसे मिली सुसाइड की खबर
दरअसल प्रिंसी के घरवाले उसे फोन कर रहे थे, लेकिन उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया था. ऐसे में हॉस्टल के वार्डन ने देखा कि उसका कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है. इसके बाद पुलिस को बुलाया गया, जिसके बाद पता चला कि प्रिंसी ने सुसाइड कर लिया है.
पुलिस जांच शुरू
इस मामले में पुलिस अब उसके साथ पढ़ने वाले बच्चों से पूछताछ कर रही है कि क्या प्रिंसी ने पहले किसी तरह के अवसाद या मानसिक परेशानी के संकेत दिखाए थे. साथ ही, प्रिंसी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस दुखद घटना पर दुख जताया है और छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
समाज और शिक्षा प्रणाली की जिम्मेदारी
प्रिंसी के इस दुखद निधन ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि क्या किसी डिग्री, मार्क्स या पैसे की कीमत इंसान की जिंदगी से ज्यादा हो सकती है? हमें प्रतियोगिता की उस मानसिकता को खत्म करना होगा, जो बच्चों को अपने माता-पिता के लिए निवेश जैसा महसूस कराती है शिक्षा प्रणाली में भावनात्मक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और छात्रों को असफल होने के लिए सुरक्षित माहौल देना अब सबसे जरूरी है





