यूट्यूबर Jyoti Malhotra ने अदालत में मांगी नियमित जमानत, इस दिन होगी अगली सुनवाई
16 मई को हिसार पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया था. उस पर पाकिस्तान को भारत की खुफिया जानकारी देने का आरोप है. अब इस मामले में यूट्यूबर ने अदालत से नियमित जमानत मांगी है.

33 साल की ज्योति मल्होत्रा हिसार की रहने वाली एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर थीं, जो अपने यूट्यूब चैनल “ट्रैवल विद जेओ” के जरिए देश-दुनिया के सफरनामे लोगों तक पहुंचाती थीं. लेकिन पिछले महीने उनकी ज़िंदगी अचानक उस मोड़ पर आ गई, जहां कैमरे की नजर से हटकर अब जांच एजेंसियों की नजरें उन पर टिक गईं.
16 मई को हिसार पुलिस ने उन्हें जासूसी के संदेह में गिरफ्तार किया. आरोप था कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (PIO) से जुड़े कुछ संदिग्ध लोगों के संपर्क में थीं. उन्हें न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन इलाके से हिरासत में लिया गया और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. अब ज्योति ने कोर्ट से नियमित जमानत मांगी है.
हिरासत और पूछताछ की लंबी प्रक्रिया
गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें पहले 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा. फिर, पूछताछ के दौरान पुलिस को ज़्यादा समय की ज़रूरत महसूस हुई, तो रिमांड 4 दिन और बढ़ा दिया गया. आखिरकार 26 मई को ज्योति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. 9 जून को जब न्यायिक हिरासत खत्म हुई, तो अदालत ने इसे और आगे बढ़ा दिया. उस दिन ज्योति मल्होत्रा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुईं. अगली सुनवाई 23 जून को तय की गई है.
जमानत की गुहार
मंगलवार को ज्योति मल्होत्रा ने अपने वकील कुमार मुकेश के माध्यम से अदालत में नियमित जमानत याचिका दायर की. यह याचिका न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) सुनील कुमार के समक्ष प्रस्तुत की गई. अदालत ने पुलिस से 11 जून तक जवाब मांगा है.
पाकिस्तानी संपर्क और बड़ा खुलासा
पुलिस का दावा है कि ज्योति नवंबर 2023 से पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थीं. भारत सरकार ने 13 मई को दानिश को देश से निष्कासित कर दिया था, क्योंकि वह संदिग्ध रूप से खुफिया गतिविधियों में संलिप्त पाया गया था. पुलिस का यह भी कहना है कि मल्होत्रा को एक एसेट के रूप में तैयार किया जा रहा था. हालांकि, पुलिस यह भी मानती है कि उनके पास किसी सैन्य या संवेदनशील जानकारी तक सीधी पहुंच के कोई सबूत नहीं मिले हैं.