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22 नंबर फ्लैट, सीक्रेट लॉकर और लाखों का कैश... आतंकी शाहीन सईद के ठिकाने पर NIA को मिली ये चीजें

फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक विशेष टीम ने एक बड़े खुलासे का सूत्रपात किया. एजेंसी के निशाने पर था वह फ्लैट, जहां दिल्ली आतंकी ब्लास्ट मामले की मुख्य आरोपी और लेडी आतंकी डॉ. शाहीन सईद लंबे समय तक रह चुकी थी. इस फ्लैट के अंदर छुपा था एक रहस्य, जिसने एंटी-टेररिस्ट जांचकर्ताओं को हैरान कर दिया.

22 नंबर फ्लैट, सीक्रेट लॉकर और लाखों का कैश... आतंकी शाहीन सईद के ठिकाने पर NIA को मिली ये चीजें
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हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 29 Nov 2025 6:27 PM IST

NIA ने लेडी आतंकी डॉ. शाहीन सईद के फरीदाबाद स्थित ठिकाने पर छापेमारी के दौरान हैरान करने वाली बरामदगी की. दिल्ली आतंकी ब्लास्ट मॉड्यूल से जुड़े इस नेटवर्क की जांच के लिए एजेंसी जैसे ही अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर पहुंची, तो वहां मौजूद 22 नंबर फ्लैट ने कई चौंकाने वाले राज खोल दिए.

अलमारी के भीतर छिपे सीक्रेट लॉकर से लाखों रुपये की नकदी, सोने के बिस्कुट, भारी मात्रा में ज्वेलरी और खाड़ी देशों की करेंसी मिली. यह सिर्फ बरामदगी नहीं, बल्कि उस संभावित अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और बड़े आतंकी नेटवर्क का संकेत था, जिसकी तलाश में एजेंसी लंबे समय से थी.

सीक्रेट लॉकर से निकला खजाना

जैसे ही NIA अधिकारियों ने 22 नंबर फ्लैट में रखी अलमारी का ताला तोड़ना शुरू किया, उनके सामने खुलने वाला नजारा अनुमान से कहीं अधिक चौंकाने वाला था. भीतर एक छिपा हुआ गुप्त खांचा नजर आया, जो मानो किसी गहरे रहस्य की ओर इशारा कर रहा था. इस सीक्रेट कम्पार्टमेंट को खोलते ही जांचकर्ताओं को नोटों के बंडलों से भरे कई पैकेट मिले, जिनमें 500 रुपये की गड्डियां थीं. गिनती करने पर इनकी कुल रकम लगभग 18.50 लाख रुपये निकली. नकदी के साथ-साथ वहां से दो सोने की ईंटें और करीब 300 ग्राम से ज्यादा के गोल्ड ज्वेलरी भी बरामद हुए. इतनी भारी मात्रा में धन और कीमती चीजों की मौजूदगी ने यह पूरी तरह से साफ कर दिया कि जिस आतंकी गिरोह की खोजबीन हो रही थी, उसकी गतिविधियां सिर्फ भारत तक सीमित नहीं, बल्कि विदेशों तक फैले बड़े नेटवर्क से जुड़ी हुई हैं.

विदेशी करेंसी और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क

रुपया और सोना ही नहीं, बल्कि उस सीक्रेट लॉकर से खाड़ी देशों की विदेशी करेंसी भी निकली. यह खोज NIA की पड़ताल को नया मोड़ देने वाली साबित हो सकती है, क्योंकि यह डॉ. शाहीन के संपर्कों की पहुंच और मजबूती की साफ तस्वीर पेश करती है. यूं कहें तो इस विदेशी करेंसी की बरामदगी यह दिखाती है कि शाहीन का नेटवर्क सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय और संगठित था.

जरूरी दस्तावेजों की बरामदगी

तलाशी का दौर यहीं नहीं रुका. जांच टीम ने आगे बढ़कर यूनिवर्सिटी के एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में भी छानबीन की. वहां शाहीन के नाम पर रजिस्टर एक और लॉकर खोला गया, जिसमें कई जरूरी कागज़ात बरामद हुए. फिलहाल इन दस्तावेज़ों की जानकारी को गोपनीय रखा गया है, लेकिन एजेंसी इन्हीं सुरागों के आधार पर आतंकी फंडिंग और नेटवर्क की परतें खोलने में जुटी हुई है. कुल मिलाकर, यह तलाशी अभियान आतंक के जाल और उसके सहायताकारों को बेनकाब करने की दिशा में एक निर्णायक और सशक्त कदम साबित हुआ है.

हरियाणा न्‍यूज
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