'क्या ठग बनेगा रे तू...' लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का ऑन रह गया माइक, ठहाके सुनते थाने दौड़ा पीड़ित
फोन करने वाले ने खुद को एक कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि आपके नाम से दिल्ली एयरपोर्ट पर एक संदिग्ध पार्सल पकड़ा गया है.

हरियाणा के फरीदाबाद में एक मैकेनिकल इंजीनियर के साथ साइबर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने मैकेनिकल इंजीनियर को 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और 3.46 लाख रुपये ठग लिए. पीड़ित को कुछ शक हुआ तो उसने फोन काट दिया और तुरंत पुलिस के पास शिकायत करने पहुंच गया. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
एजेंसी के मुताबिक, ये घटना 6 दिसंबर की सुबह की है. बल्लभगढ़-तिगांव रोड स्थित एक फैक्ट्री में काम करने वाले केमिकल इंजीनियर मोहित के पास एक अनजान नंबर से कॉल आई. फोन करने वाले ने खुद को एक कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि आपके नाम से दिल्ली एयरपोर्ट पर एक संदिग्ध पार्सल पकड़ा गया है.पार्सल में एक आईजी, पासपोर्ट, एक लैपटॉप, 5,000 अमेरिकी डॉलर के साथ बैंक डॉक्यूमेंट और अन्य सामान हैं. यह सुनकर मोहित हैरान रह गया.
मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
उन्होंने ऐसे किसी भी पार्सल से इनकार किया. इसके बाद जालसाज ने दावा किया कि यह पार्सल उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर भेजा गया है. इसी बीच ठग ने कॉल अपने एक साथी को ट्रांसफर कर दी, जिसने मोहित को कोर्ट में गवाही देने के लिए कहा. फिर पारकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जोड़ा, जिसमें कुछ लोग दिल्ली पुलिस के जवान जैसे लग रहे थे. उन्होंने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया और बैंक स्टेटमेंट और अन्य जानकारी मांगी. इसके बाद मोहित को अपने घर जाकर कमरे में अकेले रहने को कहा.
बंद करना भूल गए माइक
ठग मोबाइल कैमरे से 24 घंटे अपनी गतिविधियों पर नजर रखते थे. मोहित से बैंक खाते की जानकारी ली और कहा कि पूरी रकम आरबीआई के डमी खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. इसके बाद 12 दिसंबर को ठग गलती से अपना माइक बंद करना भूल गए और आपस में बातचीत करने लगे. इस दौरान वह हंस भी रहे थे. डिजिटल तरीके से गिरफ्तार मोहित को उनकी बातचीत और हंसने की आवाज सुनकर शक हुआ. मोहित के मन में आया कि उसके साथ कोई धोखाधड़ी हो रही है. इस पर मोहित ने तुरंत फोन काट दिया और पुलिस के पास पहुंच गया. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है. साइबर क्राइम की टीम जांच में जुटी है.