CSIR UGC NET विवाद, पेपर लीक पर हरियाणा सरकार का बड़ा खुलासा, जानें अब तक क्या हुआ
देश की प्रतिष्ठित परीक्षाओं में शामिल CSIR UGC NET एक बार फिर सुर्खियों में है. परीक्षा से पहले पेपर लीक के आरोपों ने न सिर्फ सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, बल्कि सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई. हरियाणा से उठे इस विवाद में गिरफ्तारी, छापेमारी और डिजिटल सबूतों की बरामदगी जैसे दावों ने मामले को और गंभीर बना दिया.
देश की सबसे अहम परीक्षाओं में गिनी जाने वाली CSIR UGC NET दिसंबर 2025 उस वक्त विवादों के घेरे में आ गई, जब सोशल मीडिया पर पेपर लीक के दावे तेजी से वायरल होने लगे. कुछ ही घंटों में यह चर्चा राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच गई.
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लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने सामने आकर इन अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया. सवाल अब यह है कि यह पूरा मामला शुरू कैसे हुआ और सरकार ने क्या सफाई दी?
कैसे शुरू हुआ पेपर लीक का दावा?
18 दिसंबर को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा कंप्यूटर आधारित मोड में आयोजित CSIR UGC NET परीक्षा के एक दिन पहले, यानी 17 दिसंबर को सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट वायरल होने लगीं. इन पोस्ट्स में दावा किया गया कि परीक्षा प्रश्नपत्र पहले ही कुछ लोगों के हाथ लग चुका था. कुछ यूजर्स ने यहां तक कहा कि हरियाणा के सोनीपत में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है और कथित तौर पर उसी प्रश्नपत्र के आधार पर छात्रों को पैसे लेकर कोचिंग दी गई.
सोशल मीडिया से सियासत तक पहुंचा मामला
अफवाहों के फैलते ही राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगीं. कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल उठाए. इससे परीक्षा की निष्पक्षता को लेकर परीक्षार्थियों के बीच चिंता और बढ़ गई.
मुख्यमंत्री कार्यालय का सख्त जवाब
मामले ने तूल पकड़ा तो हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने आधिकारिक बयान जारी कर सभी आरोपों को खारिज कर दिया. बयान में साफ शब्दों में कहा गया कि “सोशल मीडिया पर CSIR-UGC NET पेपर लीक को लेकर फैलाई जा रही खबरें पूरी तरह भ्रामक, गलत और निराधार हैं. हरियाणा में CSIR-UGC NET का कोई भी प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ है. परीक्षा से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं नियमों के तहत शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराई गई हैं.” सरकार ने दोहराया कि परीक्षा के हर चरण में सुरक्षा और निगरानी के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
परीक्षार्थियों की नजर अब आंसर पर
इस बीच, परीक्षा में शामिल हुए हजारों उम्मीदवार अब प्रोविजनल आंसर की का इंतजार कर रहे हैं. आमतौर पर परीक्षा के कुछ हफ्तों बाद यह आंसर की जारी की जाती है, जिसे आधिकारिक वेबसाइट csirnet.nta.nic.in पर अपलोड किया जाएगा.
जानें अब तक इस मामले में क्या हुआ?
हरियाणा के सोनीपत जिले में पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए नीरज धनकड़ और सचिन नाम के दो लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि दोनों आरोपी एक इमारत में 37 छात्रों को एक साथ बैठाकर कथित प्रश्नपत्र के आधार पर तैयारी करवा रहे थे.अधिकारियों के मुताबिक, इस अवैध गतिविधि के बदले छात्रों से प्रति व्यक्ति 3 से 4 लाख रुपये तक की भारी रकम वसूली जा रही थी.
इन लोगों को बनाया निशाना
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी एक सुनियोजित नकल गिरोह से जुड़े हुए थे, जो विशेष रूप से Junior Research Fellowship (JRF) और PhD पात्रता परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को अपना निशाना बना रहा था. छापेमारी के वक्त कई उम्मीदवार मौके पर ही मौजूद पाए गए, जिससे इस पूरे मामले की गंभीरता और भी ज्यादा साफ हो गई है.
क्यों अहम है CSIR UGC NET?
CSIR UGC NET सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि देशभर के युवाओं के लिए Junior Research Fellowship (JRF), Assistant Professor और PhD एडमिशन का रास्ता खोलने वाली कुंजी है. यही वजह है कि इससे जुड़ी किसी भी तरह की खबर तुरंत राष्ट्रीय बहस का विषय बन जाती है.





