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केजरीवाल के घर के बाहर इमाम क्यों कर रहे विरोध प्रदर्शन? अपनी ही घोषणाओं में फंस रहे 'आप' चीफ

Delhi Assembly Election 2025: एआईआईए के अध्यक्ष साजिद रशीदी ने पूछा, 'अब वे पुजारियों और ग्रंथियों के लिए एक योजना की घोषणा कर रहे हैं क्योंकि चुनाव नजदीक आ रहे हैं. हमारा क्या होगा?'

केजरीवाल के घर के बाहर इमाम क्यों कर रहे विरोध प्रदर्शन? अपनी ही घोषणाओं में फंस रहे आप चीफ
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Delhi Assembly Election 2025
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 31 Dec 2024 10:13 AM IST

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आप चीफ अरविंद केजरीवाल अपनी योजनाओं के घोषणा के बाद विवाद में फंस जाते हैं. ऐसे ही 'पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना' की घोषणा के बाद हुआ. अब इस योजना के खिलाफ अखिल भारतीय इमाम एसोसिएशन (AIIA) ने उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

अरविंद केजरीवाल ने वादा किया कि अगले साल विधानसभा चुनावों में पार्टी के सत्ता में लौटने पर मंदिरों में काम करने वाले पंडितों और गुरुद्वारों में काम करने वाले ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे, जिसे लेकर इमामों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है और आप सरकार पर 17 महीनों का वेतन नहीं देने का आरोप लगाया है. एआईआईए ने आप सरकार को दो दिन में उनका वेतन जारी करने का अल्टीमेटम भी दिया, वरना इमाम केजरीवाल के आवास के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे.

मुस्लिम वोटर्स की परवाह नहीं -AIIA

AIIA के चेयरमैन साजिद रशीदी ने दावा किया कि आप सरकार ने कई अनुरोधों के बावजूद पिछले 17 महीनों से इमामों और मौलवियों को वेतन देने के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड को फंड जारी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि और अब वे पुजारियों और ग्रंथियों के लिए एक योजना की घोषणा करते हैं क्योंकि चुनाव नजदीक हैं। हमारा क्या? क्या आपको उन मुस्लिम वोटर्स की परवाह नहीं है जिन्होंने आपको चुना है?

1970 से ही दिल्ली सरकार वक्फ बोर्ड को करती है फंडिग

रशीदी ने कहा कि सरकार 1970 से ही वक्फ बोर्ड के माध्यम से इमामों को वेतन दे रही है. वर्तमान में बोर्ड के तहत शहर में करीब 240 इमाम हैं. रशीदी ने आरोप लगाया कि इमाम इधर-उधर भाग रहे हैं. हम पिछले छह महीनों से मुख्यमंत्री आतिशी, उपराज्यपाल और संबंधित वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों से मिल रहे हैं और हमें अभी तक अपना वेतन नहीं मिला है. अब आप पुजारियों और ग्रंथियों से खोखले वादे कर रहे हैं. आप उन्हें कैसे भुगतान करेंगे?

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