क्या है AAP के Delhi Model का गणित, जिसके दम पर फिर से सीएम बनने का सपना देख रहे केजरीवाल?
AAP's Delhi Model: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान भले ही न हुआ हो, लेकिन आम आदमी पार्टी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई है. उसने अपनी तैयारियों को धार देनी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में सभी 70 सीटों पर प्रत्याशियों का एलान करने के बाद अब AAP ने दिल्ली मॉडल पर चर्चा शुरू कर दी है. इसी मॉडल के सहारे केजरीवाल फिर से सीएम बनने का ख्वाब देख रहे हैं.

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसकी तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन आम आदमी पार्टी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. अरविंद केजरीवाल की नजरें मुख्यमंत्री के रूप में एक और कार्यकाल पर टिकी हुई हैं. AAP ने केजरीवाल के दिल्ली मॉडल पर भरोसा जताते हुए जमीनी स्तर पर अपना अभियान शुरू कर दिया है.
दिल्ली मॉडल के तहत लोगों को फ्री बिजली, फ्री पानी, फ्री एजुकेशन , महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा, बुजुर्गों के लिए फ्री तीर्थ यात्रा और मोहल्ला क्लीनिक के जरिए मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है. AAP सरकार ने लगातार कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाया है. यह मॉडल लोगों के बीच काफी लोकप्रिय माना जाता है, जिसकी वजह से AAP 10 साल से सत्ता में बनी हुई है. हालांकि, 'मुफ्तखोरी' की राजनीति को लेकर उसकी आलोचना भी होती रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरविंद केजरीवाल की लोकलुभावन योजनाओं को लेकर उन पर हमला भी बोल चुके हैं. इन योजनाओं को उन्होंने 'रेवड़ी' राजनीति बताया.
दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय में 2014 की तुलना में दोगुना इजाफा
दिल्ली विधानसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय दो साल में 22 प्रतिशत बढ़ी है. 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 3.76 लाख रुपये सालाना थी, जो 2023-24 में बढ़कर 4.61 लाख रुपये प्रति हो गई है. 2014 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 2.41 लाख थी. यानी शहर में प्रति व्यक्ति आय में 91.28 फीसदी का इजाफा हुआ है, जो AAP की सरकार ने पिछले नौ वर्षों में हासिल किया है.
बता दें कि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2.28 लाख रुपये है और दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय इससे दोगुनी है. भारत की प्रति व्यक्ति आय 2014-15 में 86,647 रुपये थी, जो 2022-23 में बढ़कर 1,72,000 रुपये हो गई. यानी पिछले 8 साल में प्रति व्यक्ति आय में 98.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही AAP केजरीवाल के दिल्ली मॉडल के जरिए चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है.
क्या है दिल्ली मॉडल का गणित?
AAP का दावा है कि दिल्ली मॉडल से हर परिवार को 35 लाख रुपये से ज़्यादा की बचत हुई है. उदाहरण के लिए, दिल्ली की महिलाओं ने 150 करोड़ मुफ्त यात्राएं की हैं. कूपन के हिसाब से देखें तो यह संख्या 1500 करोड़ रुपये बैठती है. इसके अलावा, उन्हें मेट्रो, कार और ऑटो के किराए समेत महंगी यात्रा लागतों से भी मुक्ति मिली है.
मुफ़्त बिजली से न केवल बिजली के बिलों में बचत हुई है, बल्कि जनरेटर और महंगे पावर बैकअप की लागत में भी बचत हुई है. पिछले 10 सालों में फ्री बिजली में प्रति परिवार 4 लाख रुपये, फ्री पानी में प्रति परिवार 1.20 लाख रुपये, फ्री शिक्षा में प्रति परिवार 4 लाख रुपये, स्वास्थ्य में प्रति परिवार 15 लाख रुपये, मोहल्ला क्लीनिक में प्रति परिवार 1.2 लाख रुपये, वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा में 2.7 लाख रुपये, फ्री तीर्थ यात्रा में 50 हजार रुपये प्रति जोड़ा,मुफ्त बस यात्रा में 4.32 लाख और महिलाओं के लिए नकद 2.1 लाख रुपये सरकार ने खर्च किए हैं.
लगातार योजनाओं का एलान कर रहे केजरीवाल
केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव से पहले लगातार नई योजनाओं का एलान कर रहे हैं. मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना के बाद अब केजरीवाल ने दलित छात्रों के लिए आंबेडकर सम्मान छात्रवृत्ति की घोषणा की है. इसके तहत दिल्ली सरकार उन दलित छात्रों की शिक्षा का खर्च उठाएगी, जो किसी भी शीर्ष अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में दाखिला लेते हैं.
सीएम आतिशी और AAP नेताओं मनीष सिसोदिया और अरविंद ओझा के साथ केजरीवाल ने कहा कि यह योजना भारतीय संविधान के जनक डॉ. बीआर आंबेडकर को श्रद्धांजलि है. केजरीवाल ने कहा कि आंबेडकर छात्रवृत्ति के तहत दिल्ली सरकार किसी भी टॉप इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में प्रवेश पाने वाले दलित छात्र का खर्च वहन करेगी. उन्होंने कहा कि यह योजना पिछड़े समुदाय के सरकारी कर्मचारियों पर भी लागू होगी.
इससे पहले केजरीवाल ने एलान किया था कि सरकार बनने पर सभी वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक आयु के) को सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलेगा. उन्होंने कहा कि कई बच्चे बीमार होने पर अपने माता-पिता को छोड़ देते हैं, जिससे उन्हें अच्छी देखभाल नहीं मिल पाती.