अरविंद केजरीवाल पर चलेगा मुकदमा, ED को LG की हरी झंडी; AAP ने कहा - लेटर दिखाओ
Delhi Liquor Policy Case: शराब घोटाले मामले में अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. LG वीके सक्सेना ने आबकारी नीति मामले में केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए ED को मंजूरी दे दी है.

Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली विधानसभा चुनाव सिर पर है. इस बीच आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. आबकारी नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर अब उन पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच करेगी.
दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शराब घोटाले मामले में आप चीफ और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मंजूरी दे दी है. LG ऑफिस 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मांगी थी.
दूसरी ओर इस मुद्दे पर अब आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है. मनीष सिसोदिया ने एक बयान में कहा कि "अगर एलजी विनय सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, तो ईडी उस मंजूरी की कॉपी क्यों नहीं दिखा रही? यह साफ है कि यह खबर झूठ और गुमराह करने वाली है. बाबासाहेब के अपमान के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए जुमलेबाजी बंद करो और दिखाओ कहां है ईडी को मुकदमा चलाने के लिए दी गई मंजूरी?"
ED ने इस महीने की शुरुआत में केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए एलजी से अनुमति मांगी थी. उन पर कथित तौर पर आबकारी नीति मामले में भ्रष्टाचार का आरोप है. इसका उल्लेख इसी साल 17 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट नंबर 7 में किया गया था. जिस पर 9 जुलाई को कोर्ट ने संज्ञान लिया था.
मामले पर 'आप' ने क्या कहा?
आप ने कहा, 'तथाकथित शराब घोटाले की जांच दो साल तक चली, 500 लोगों को परेशान किया गया, 50,000 पन्नों के आरोप पत्र दाखिल किए गए और 250 से अधिक छापे मारे गए, एक पैसा भी बरामद नहीं हुआ और पिछले कई सालों में अलग-अलग कोर्ट ने मामले में कई बार सरकार को फटकार लगाई है. बीजेपी का असली लक्ष्य किसी भी तरह से आप और अरविंद केजरीवाल को कुचलना था.'
21 मार्च को अरेस्ट हुए थे केजरीवाल
कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. आप प्रमुख को बाद में सितंबर में जमानत दे दी गई थी. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसमें उन्होंने इशारा किया था कि अब दिल्ली विधानसभा में जीत के बाद ही वह सत्ता पर बैठेंगे.