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'प्यार पर कंट्रोल नहीं...'यंगस्टर को मिली रोमांटिक रिश्तों पर आजादी, दिल्ली हाईकोर्ट का मिला सपोर्ट

स जसमीत सिंह की बेंच में इस मामले में बात करते हुए कहा गया है कि किशोरावस्था में लड़के-लड़कियों के बीच प्रेम संबंध होने के बाद शारीरिक संबंध को जुर्म माना जाता है और POCSO अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में माना जाता है. इसी बात पर जज ने राय दी है कि यंग उम्र के लड़के-लड़कियों के बीच रोमांटिक रिश्तों को स्वीकार करने के लिए कानून बनाया जाए.

प्यार पर कंट्रोल नहीं...यंगस्टर को मिली रोमांटिक रिश्तों पर आजादी, दिल्ली हाईकोर्ट का मिला सपोर्ट
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( Image Source:  Create By AI )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 28 Oct 2025 3:00 PM IST

भारत देश में ज्यादातर माता-पिता अपने 18 साल से कम उम्र के अपने बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करने में जूझते हैं और प्यार, इश्क, मोहब्बत जैसी चीजों से दूर रहने के लिए कहते हैं. लेकिन क्या हो जब पढ़ाई से मन हटा चुके 18 साल से कम उम्र के बच्चों को लव अफेयर करने का लइसेंस मिल जाए. सुनकर थोड़ी हैरानी हो सकती है चूंकि यहां लाइसेंस से मतलब है खुद माता-पिता से पहले कानून उन्हें ऐसा करने की इजाजत दे दे तो क्या होगा.

हाल ही में वैलेंटाइन डे गुजरा है ऐसे में बूढ़े-बड़े तो क्या कुछ कम उम्र के यंगर्स भी फूल चॉकलेट खरीदते नजर आएंगे होंगे. अब दिल्ली हाई कोर्ट ने प्यार से जुड़े आपराधिक मामलों में सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाने की वकालत की है. कोर्ट का कहना है कि कानून को ऐसे रिश्तों को समझना और स्वीकार करना चाहिए जो सहमति से और बिना किसी दबाव के हों. खासकर अगर उन युवाओं की उम्र 18 साल से भी कम है तो उन्हें प्रेम संबंध बनाने की इजाजत दिल्ली हाई कोर्ट दे रहा है.

यंगर्स को प्यार की इजाजत

जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच में इस मामले में बात करते हुए कहा गया है कि किशोरावस्था में लड़के-लड़कियों के बीच प्रेम संबंध होने के बाद शारीरिक संबंध को जुर्म माना जाता है और POCSO अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में माना जाता है. इसी बात पर जज ने राय दी है कि यंग उम्र के लड़के-लड़कियों के बीच रोमांटिक रिश्तों को स्वीकार करने के लिए कानून बनाया जाए. जज ने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि समाज और कानून दोनों को यंगर्स के रोमांटिक रिश्तों में शामिल होने के अधिकार पर जोर देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि ये रिश्ते ऐसे होने चाहिए जिसमें न तो लड़के और न ही लड़की का शोषण हो और न ही किसी के साथ दुर्व्यवहार हो.

प्यार पर जोर नहीं

जज ने कम उम्र में प्यार करने वाले यंगर्स को अपना सपोर्ट दिखाते हुए कहा है कि प्यार एक ऐसा अनुभव है जो सभी को होना चाहिए यह फंडामेंटल अनुभव है जिसपर किसी का कंट्रोल नहीं होता क्योंकि यह एक इमोशनल कनेक्शन का राइट है. ऐसे में कानून इन रिश्तों को स्वीकार करें उन्हें सम्मान देने विकसित करें.

क्या है मामला

दरअसल मार्च 2024 आंध्रा प्रदेश में एक नाबालिग ट्यूशन क्लास जाने के बाद घर नहीं लौटी. नाबालिग के पिता ने जब उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट करवाई तब नाबलिग 21 साल के एक युवक के साथ मिली जिसे गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि POCSO के तहत युवक को जमानत दे दी गई क्योंकि नाबलिग ने ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि उसने युवक के साथ सहमति से संबंधन बनाया था.

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