दिल्ली में झुग्गी वालों को लेकर सियासत, केजरीवाल के कोर वोट बैंक पर बीजेपी लगा रही सेंध?
पिछले दो विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को झुग्गीवासियों का भरपूर समर्थन मिला, जिससे पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया. इस बार भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन्हें अपने पाले में बनाए रखने की रणनीति तैयार कर ली है. आप के कार्यकर्ता झुग्गी बस्तियों में जाकर बैठकों और नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से अपनी नीतियों और मुफ्त योजनाओं का प्रचार कर रहे हैं.

दिल्ली में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक है और सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों के साथ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. हालांकि झुग्गी-बस्तियों के निवासियों का जीवन स्तर अभी भी सुधरने की प्रतीक्षा में है. लेकिन ये वोटर दिल्ली की सत्ता का पासा पलटने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. चुनावी आंकड़ों से पता चलता है कि जिस पार्टी को झुग्गीवासियों का एकतरफा समर्थन मिलता है, वह आसानी से सरकार बना लेती है.
यही वजह है कि सभी राजनीतिक दल इन वोटरों को लुभाने में एक्टिव हो गए हैं. आम आदमी पार्टी (आप), बीजेपी और कांग्रेस अपने-अपने तरीकों से झुग्गीवासियों का समर्थन पाने की कोशिश कर रहे हैं. इसे लेकर बीजेपी ने झुग्गी झोपड़ी प्रधान सम्मलेन का आयोजन किया और उनको लुभाने का प्रयास किया. वहीं, आप ने कहा कि बीजेपी वाले झुग्गियों में जाकर ड्रामा कर रहे हैं.
केजरीवाल को मिला था भरपूर समर्थन
पिछले दो विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को झुग्गीवासियों का भरपूर समर्थन मिला, जिससे पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया. इस बार भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन्हें अपने पाले में बनाए रखने की रणनीति तैयार कर ली है. आप के कार्यकर्ता झुग्गी बस्तियों में जाकर बैठकों और नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से अपनी नीतियों और मुफ्त योजनाओं का प्रचार कर रहे हैं. मनीष सिसोदिया जैसे वरिष्ठ नेता जंगपुरा की बस्तियों में जाकर लोगों से संवाद कर रहे हैं. इसके साथ ही, सभी उम्मीदवार झुग्गियों में नियमित दौरे कर रहे हैं.
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बीजेपी का है झुग्गी पर ध्यान
बीजेपी जो पिछले कई वर्षों से दिल्ली की सत्ता से बाहर है ने इस बार झुग्गीवासियों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. पार्टी स्वास्थ्य शिविर और रोजगार मेले जैसे आयोजन कर रही है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुग्गीवासियों को 1,675 फ्लैट वितरित किए, जिससे उनकी स्थिति में सुधार का प्रयास किया गया. इसके साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह झुग्गी बस्तियों के प्रधानों के साथ बैठक की.
कोशिश में लगी कांग्रेस
कभी झुग्गीवासियों के बीच मजबूत पकड़ रखने वाली कांग्रेस बीते वर्षों में इस समर्थन से वंचित हो गई है. 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई. अब पार्टी झुग्गीवासियों को फिर से अपने साथ जोड़ने के लिए प्रयासरत है. कांग्रेस अपने 15 साल के शासनकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों, जैसे मकान और आवास योजनाओं का हवाला देकर लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रही है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने न्याय यात्रा के तहत झुग्गीवासियों के साथ संवाद स्थापित किया है.
झुग्गी वोटरों का क्या है योगदान?
दिल्ली में लगभग 750 झुग्गियां हैं, जहां 30 लाख से अधिक लोग रहते हैं. वोट प्रतिशत की बात की जाए तो कुल 10 प्रतिशत वोट झुग्गी वालों के पास है. ये लोग चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. फिलहाल, आम आदमी पार्टी के पक्ष में झुकाव अधिक है, लेकिन बीजेपी इस आधार में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है. वहीं, कांग्रेस भी अपनी खोई जमीन वापस पाने के प्रयास में जुटी है.
क्या रहा है इनका इतिहास?
दिल्ली के इतिहास पर नजर डालें तो देखा जाता है कि यहां चुनाव नजदीक आते ही झुग्गी-झोपड़ियों, अनधिकृत निर्माणों और अवैध कॉलोनियों को लेकर कार्रवाई और राहत की बातें शुरू हो जाती हैं. दिल्ली के विभिन्न इलाकों में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा झुग्गीवासियों के लिए मकान बनाए गए हैं. कुछ स्थानों पर लोग इन मकानों में जाकर रहने लगे हैं, लेकिन अधिकांश स्थानों पर आज भी लोग अवैध झुग्गियों में ही रह रहे हैं. सभी पार्टी झुग्गी वासियों को पक्का मकान देने का वादा करती है लेकिन चुनाव के बाद ये वादे फेल हो जाते हैं.