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अब सारा सच आएगा सामने! दिल्ली HC ने दिया जस्टिस यशवंत वर्मा की कॉल रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखने का आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने जस्टिस यशवंत वर्मा की कॉल रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखने का आदेश दिए हैं. आग लगने के घटना के दौरान वर्मा के घर से भारी संख्या में नगद बरामद हुई थी,. जिसके बाद से उनके खिलाफ जांच की जा रही है. पुलिस उनके स्टाफ और फैमिली मेंबर सभी से पूछताछ कर रही है. हालांकि वर्मा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है और उनकी इमेज खराब करने का आरोप लगाया है.

अब सारा सच आएगा सामने! दिल्ली HC ने दिया जस्टिस यशवंत वर्मा की कॉल रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखने का आदेश
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( Image Source:  @AnubhawMani )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 24 March 2025 8:44 AM IST

Judge Cash Row: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं. हाल ही में उनके घर आग लगने से बड़ा हादसा हो गया. इस दौरान उनके घर से पैकेट में कैश बरामद हुआ. अब एक्शन लेते हुए, वर्मा के सभी कॉल रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया गया है.

दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के CJI के आदेश पर यह निर्देश दिया है. अधिकारी अब वर्मा के मैसेज, कॉल और अन्य डेटा खंगालेंगे. इस मामले के सामने आने के बाद सभी हैरान हैं कि आखिर जस्टिस वर्मा के पास इतने पैसे कहां से आए.

आरोपों पर क्या बोले जस्टिस वर्मा?

जस्टिस वर्मा ने अपने सरकारी आवास से कैश मिलने के बाद लगे आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा, उनके स्टाफ या किसी अन्य मेंबर को मौके से नगदी या पैसे के कोई अवशेष नहीं मिले हैं. उन्होंने अपने बयान में कहा, 'मैंने पर्सनली अपने स्टाफ के साथ इस मामले की जांच की, जिन्होंने पुष्टि की कि घर में कथित रूप से पाए गए नोटों को हटाया नहीं गया था. केवल मलबा और बचाए जा सकने वाले सामान ही हटाए गए थे. ये घर में अलग से रखे हैं और निरीक्षण के लिए उपलब्ध हैं.'

बदनाम करने की कोशिश

वर्मा ने कहा, मुझे बदनाम करने के लिए यह सब किया जा रहा है. पुलिस कमिश्नर ने कथित तौर पर दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को जानकारी दी कि जस्टिस वर्मा के आवास पर तैनात सुरक्षा गार्ड ने बताया, 15 मार्च की सुबह कुछ मलबा और आंशिक रूप से जली हुई वस्तुएं हटा दी गई थीं.

जस्टिस वर्मा ने किसी भी तरह के गलत काम के आरोपों को खारिज करते हुए जवाब दिया. हालांकि, जब हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने उन्हें घटना का वीडियो दिखाया, तो जस्टिस वर्मा ने उनकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाकर उन्हें बदनाम करने की साजिश बताई.

फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट का बयान

जस्टिस वर्मा ने अपने बचाव में फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट के प्रमुख का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि जस्टिस के घर से कोई नगदी नहीं मिली. इसलिए उन्हें भी पूछताछ के लिए पुलिस बुला सकती है. पुलिस उनके बयान के यू-टर्न लेने के बारे में पूछताछ होगी.

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