Begin typing your search...

कौन हैं वो तीन जज, जो जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ करेंगे जांच? जले हुए नोट का VIDEO आने के बाद एक्शन में CJI

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने शनिवार को दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की. यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर नकदी बरामद होने के बाद उनके खिलाफ आरोप लगे हैं.

कौन हैं वो तीन जज, जो जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ करेंगे जांच? जले हुए नोट का VIDEO आने के बाद एक्शन में CJI
X
Yashwant Varma
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 23 March 2025 6:59 AM IST

Yashwant Varma: सुप्रीम के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है. जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोप तब सामने आए जब उनके आधिकारिक आवास में आग लगने के बाद कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिली.

प्रारंभिक रिपोर्टों में यह रकम 15 करोड़ रुपये बताई गई है, हालांकि इस आंकड़े की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इसके साथ ही जले हुए नोटों का वीडियों भी सामने आया है, जिसे लेकर जज यशवंत वर्मा ने साजिश का आरोप लगाया है.

कौन हैं वो तीन जज, जो करेंगे जांच?

समिति में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं. इनकी देखरेख में ही जस्टिस वर्मा के खिलाफ पूरी तरह से जांच की जाएगी.

कब होता है इन-हाउस जांच?

सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस जांच प्रक्रिया के अनुसार जब किसी हाई कोर्ट के जज के खिलाफ आरोप लगते हैं, तो भारत के चीफ जस्टिस प्रारंभिक जांच के बाद संबंधित न्यायाधीश से जवाब मांगने के बाद मामले की जांच के लिए तीन जजों की एक समिति गठित करते हैं.

25 पन्नों की जांच रिपोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय की जांच रिपोर्ट में आधिकारिक संचार से संबंधित सामग्री भी शामिल थी, जिसके अनुसार भारतीय मुद्रा की चार से पांच अधजली गड्डियां पाई गईं.

25 पन्नों की जांच रिपोर्ट में होली की रात जस्टिस वर्मा के आवास पर आग बुझाने के अभियान के वीडियो और फोटोग्राफ भी शामिल हैं, जिसके दौरान नकदी बरामद हुई थी.

डी.के. उपाध्याय ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि रिपोर्ट की गई घटना, उपलब्ध सामग्री और जस्टिस यशवंत वर्मा के जवाब की जांच करने पर, मुझे जो पता चला वह यह है कि पुलिस आयुक्त ने 16.3.2025 की अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर तैनात गार्ड के अनुसार, 15.3.2025 की सुबह जिस कमरे में आग लगी थी, वहां से मलबा और अन्य आंशिक रूप से जले हुए सामान हटा दिए गए थे.

उन्होंने ये भी कहा कि जांच में पता चलता है कि बंगले में रहने वाले लोगों, नौकरों, माली और CPWD कर्मियों (यदि कोई हो) के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कमरे में प्रवेश या पहुंच की संभावना सामने नहीं आई है. अंत में उन्होंने ये भी कहा कि पूरे मामले की गहन जांच की आवश्यकता है. जिसके बाद CJI ने तीन जजों की टीम जांच के लिए बनाई है.

अगला लेख