'केजरीवाल नहीं बन सकते सीएम', क्या कहती हैं SC की जमानत शर्तें, जिस पर संदीप दीक्षित कर रहे दावा
Sandeep Dikshit Arvind Kejriwal: क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दावा किया है कि केजरीवाल सीएम नहीं बनेंगे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की जमानत शर्तों को इसकी वजह बताया है. दीक्षित ने कहा कि केजरीवाल के लिए दूसरे को सीएम बनाना मजबूरी है.

Sandeep Dikshit Arvind Kejriwal: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. अरविंद केजरीवाल लगातार नई-नई योजनाओं का एलान कर रहे हैं. उन्हें AAP ने नई दिल्ली सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. यहीं से कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को टिकट दिया है, जिन्होंने रविवार को बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट की जमानत शर्तों के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते.
दीक्षित ने कहा कि केजरीवाल को जेल से रिहा किया जा सकता है, लेकिन उन्हें किसी भी आधिकारिक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से प्रतिबंधित किया गया है. यही वजह है कि वे दिल्ली के सीएम नहीं बन सकते.
'केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते'
संदीप दीक्षित ने दावा किया कि अगर अरविंद केजरीवाल सीएम बनते हैं और फाइलों पर हस्ताक्षर करते हैं तो उनकी जमानत शर्तों का उल्लंघन होने और फिर से जेल जाने का खतरा होगा. उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे उन्हें जेल से बाहर आने देंगे, लेकिन वे दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में किसी भी फ़ाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते... इसका मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के काबिल नहीं हैं.
'केजरीवाल के लिए किसी और को सीएम बनाना मजबूरी'
कांग्रेस नेता के मुताबिक केजरीवाल के लिए किसी और को दिल्ली का सीएम बनाना उनकी मजबूरी बन गई है. अगर वे दिल्ली के सीएम बन भी जाते हैं और किसी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर भी करते हैं, तो यह जमानत शर्तों का उल्लंघन होगा और उन्हें फिर से जेल जाना पड़ेगा.
अरविंद केजरीवाल पर चलेगा मुकदमा
शनिवार को दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी. 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी. यह घटनाक्रम दिल्ली सरकार की आबकारी नीति की महीनों से चल रही जांच के बाद हुआ है, जो विवाद और भ्रष्टाचार के आरोपों के केंद्र में रही है. दिल्ली आबकारी नीति में केजरीवाल को जमानत देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीएम कार्यालय में प्रवेश करने और फाइलों पर हस्ताक्षर करने जैसी कुछ सीमाएं तय की हैं.
केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई जमानत की शर्तें गिनाईं. उन्होंने कहा कि शर्तों में 10-10 लाख रुपये का जमानती बांड जमा करना शामिल है. यह किया जा रहा है. दूसरी शर्त यह है कि वह हर तारीख पर ट्रायल में शामिल होंगे, जब तक कि उनके द्वारा छूट नहीं दी जाती.
ऋषिकेश कुमार ने बताया कि कोर्ट द्वारा लगाई गई कुछ अन्य शर्तें ईडी की गिरफ्तारी में जमानत दिए जाने के समय लगाई गई शर्तों के समान ही हैं. उन्होंने कहा कि अन्य शर्तें ईडी मामले में लगाई गई शर्तों के समान ही हैं. दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने और सीएम के रूप में काम करने की अनुमति नहीं है.