पैराशूट कैंडिडेट नहीं उतारती तो सीट नहीं जीत पाते मनीष सिसोदिया, अवध ओझा कर पाएंगे किला फतह?
लोगों का मानना है कि अवध ओझा एक पैराशूट कैंडिडेट हैं और वह जीत जाएंगे. साथ ही लोगों ने बताया कि इस बार मनीष सिसौदिया के जेल जाने की वजह से उन्हें वोट नहीं मिल पाता और वह यहां से हार जाते. इसके पीछे का एक कारण और भी है कि उन्होंने क्षेत्रों का काम कम किया है. लोगों की शिकायत है कि जगह जगह सीवर की दिक्कत है.

दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी ने अवध ओझा को टिकट दिया है. इससे पहले यह मनीष सिसौदिया की सीट थी. अवध ओझा हाल ही आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और उन्हें यहां से टिकट दे दिया गया. आप कार्यकर्ता पूरी तरह से उनके चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. वहीं, यहां के विनोद नगर से पार्षद रविंद्र नेगी बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर अपना दावा ठोक रहे हैं. हालांकि अभी बीजेपी ने कैंडिडेट के नाम घोषणा नहीं की है.
लोगों का मानना है कि अवध ओझा एक पैराशूट कैंडिडेट हैं और वह जीत जाएंगे. साथ ही लोगों ने बताया कि इस बार मनीष सिसौदिया के जेल जाने की वजह से उन्हें वोट नहीं मिल पाता और वह यहां से हार जाते. इसके पीछे का एक कारण और भी है कि उन्होंने क्षेत्रों का काम कम किया है. लोगों की शिकायत है कि जगह जगह सीवर की दिक्कत है.
मुद्दों की बात की जाए तो यहां पर सफाई का सबसे बड़ा मुद्दा है. सैलरी नहीं मिल पाने के कारण कई बार सफाई कर्मचारियों की हड़ताल हो चुकी है. इसका असर यहां की सफाई व्यवस्था पर पड़ा है. गंदे पानी की सप्लाई होने के कारण यहां लोगों को पीलिया फैलने की आशंकाएं बनी रहती है. लोगों का कहना है कि अब भी यहां पीलिया के मरीज सामने आ रहे हैं. मंडावली में सड़कों पर गड्ढे पड़े हुए हैं.
ख़त्म हो वोट बैंक की राजनीति
ईस्ट विनोद नगर में रहने वाले रवि बताते हैं कि आम आदमी पार्टी ने अवध ओझा को पैराशूट कैंडिडेट की तरह उतारा है. यहां पर सबसे बड़ी पार्किंग की समस्या है. लोगों को फ्री का बिजली, पानी और 5 रुपए के टिकट ने मनीष सिसौदिया को जिताया था, अब अवध ओझा को भी इसी मुद्दे पर वोट मिलेगा और संभवतः जीत सकते हैं. मेरा मानना है कि नेता किसी भी पार्टी का हो उसे टच में रहना चाहिए. अब बताइए दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को ओवैसी की पार्टी ने टिकट दिया है. इनका वश चले तो ये आतंकवादी को भी टिकट दे सकते हैं. मुझे लगता है कि ये वोट बैंक की राजनीति खत्म होनी चाहिए.
अवैध कॉलोनियों को सही करना है बड़ी चुनौती
स्टेट मिरर की टीम ने जागृति पार्क, सरस्वती कुंज, रास बिहार, मयूर विहार-2, विनोद नगर, मंडावली समेत पूरे विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया. सभी जगहों पर कमोबेश पानी, कूड़ा, सड़क और क्राइम की दिक्कत दिखाई दी. लेकिन अभी भी कई अवैध कॉलोनियां हैं जिन पर बाहर से आए लोगों और बिल्डरों ने प्लॉट काटकर बसा दिया है. अब सरकार की जिम्मेदारी बताते हैं कि उन कॉलोनियों को मान्यता दी जाए. अब विधायक के सामने ये चुनौती है कि उसपर क्या एक्शन लिया जाए.