ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर लगे बैन... दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से लगा तगड़ा झटका
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (20 जनवरी) को ताहिर हुसैन की एक याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि जवाब में टिप्पणी की, "जेल में बैठकर चुनाव जीतना आसान है. ऐसे सभी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाना चाहिए." उनके वकील ने कहा कि हुसैन का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है.

Tahir Hussain: दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और 'दिल्ली दंगे' के आरोपी ताहिर हुसैन AIMIM ने मुस्तफाबाद से टिकट दिया. अब सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (20 जनवरी) को हुसैन की एक याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाना चाहिए. साथ ही कोर्ट ने पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका पर सुनवाई 21 जनवरी तक के लिए टाल दी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ताहिर हुसैन अभी जेल में है उसने चुनाव में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अंतरिम जमानत की मांग की. याचिका में कहा गया कि वह आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में AIMIM के लिए प्रचार करना चाहता है.
ताहिर हुसैन पर कोर्ट की टिप्पणी
इस मामले की सुनवाई जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने की. कोर्ट ने समय की कमी के कारण सुनवाई स्थगित कर दी थी. फिर हुसैन के वकील ने मामले का उल्लेख किया और 21 जनवरी को सुनवाई का अनुरोध किया. अब मंगलवार को इस मामले की सुनवाई होगी.
सोमवार को कोर्ट ने कहा कि जवाब में टिप्पणी की, "जेल में बैठकर चुनाव जीतना आसान है. ऐसे सभी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाना चाहिए." उनके वकील ने कहा कि हुसैन का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 जनवरी को हुसैन को AIMIM के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए पैरोल दी थी.
हाईकोर्ट ने रद्द की अंतरिम जमानत की मांग
दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से 9 फरवरी तक अंतरिम जमानत की उनकी याचिका को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि हिंसा में मुख्य अपराधी होने के नाते हुसैन के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई.
कोर्ट ने आगे कहा, दिल्ली दंगे मामले में ताहिर हुसैन के खिलाफ करीब 11 एफआईआर दर्ज की गई थीं. वह संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस और यूएपीए मामले में भी हिरासत में हैं. उसके वकील ने कहा कि चुनाव लड़ना एक जटिल प्रक्रिया है, जिसके लिए उन्हें न केवल 17 जनवरी तक अपना नामांकन दाखिल करना था बल्कि बैंक अकाउंट ओपन करना और प्रचार करना भी था.