20 साल तक ‘भूत’ बनकर जिया कातिल! पत्नी की हत्या के बाद गायब हुआ पूर्व आर्मी ड्राइवर, अब एमपी से गिरफ्तार
21 नवंबर 2005 को दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपी अनिल की सज़ा पर दो हफ़्ते का अंतरिम निलंबन दे दिया, लेकिन वह पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा और जेल वापस ही नहीं लौटा. जिसके बाद से वह अपनी जगह बदल बदल के रहता फिरता रहा.

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे अपराधी को गिरफ्तार किया है जो पिछले 20 वर्षों से पत्नी की हत्या के मामले में फरार था. 58 वर्षीय भारतीय सेना के पूर्व ड्राइवर अनिल कुमार तिवारी ने 1989 में अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी और तब से न्याय से बचने के लिए एक लंबा खेल खेलता रहा.
अनिल का सैन्य करियर 1986 में शुरू हुआ जब उसे ऑर्डिनेंस कोर यूनिट में ड्राइवर के पद पर नियुक्त किया गया. घरेलू कलह के चलते उसने 1989 में पत्नी का गला घोंटकर उसे जला दिया और इसे आत्महत्या दिखाने की कोशिश की. लेकिन जांच में सच्चाई सामने आ गई और दिल्ली कैंट थाने में IPC की धारा 302 के तहत मामला दर्ज हुआ. उसे गिरफ्तार कर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
ट्रैकिंग के चलते नहीं नहीं रखा फोन
हालांकि 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट ने उसकी सजा पर दो हफ्तों का अंतरिम राहत दी और यहीं से अनिल न्याय-व्यवस्था से आंख मिचौली खेलने लगा. वह जेल नहीं लौटा और पहचान छुपाकर भारत के अलग-अलग राज्यों में छिपता रहा. इतने वर्षों तक उसने मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया ताकि उसकी ट्रैकिंग न हो सके.
मध्य प्रदेश से हुआ गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच की टीम ने डीएसपी आदित्य गौतम की निगरानी में अभियान चलाया. पहले उसे प्रयागराज के आसपास देखा गया, फिर पुलिस मध्य प्रदेश तक पहुंची और आखिरकार 12 अप्रैल 2025 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस का कहना है कि वह अलग-अलग नामों से रह रहा था और समाज में सामान्य जीवन जी रहा था.
कर ली थी दूसरी शादी
इतना ही नहीं, फरारी के दौरान उसने दूसरी शादी भी कर ली और अब उसके चार बच्चे हैं. 2005 में उसे भारतीय सेना से आधिकारिक रूप से बर्खास्त कर दिया गया था. आखिरकार तीन दशक से ज्यादा समय बाद एक छिपा हुआ अपराध सामने आया और कानून ने अपने गुनहगार को पकड़ ही लिया.