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पॉलिटिकल पार्टी की जेब गर्म कर रही इंफ्रास्ट्रक्चर और फार्मा कंपनी, चुनाव आयोग ने बताए बड़े दानदाताओं के नाम

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में राजनीतिक दलों को सबसे बड़ी फंडिंग इलेक्टोरल ट्रस्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर, फार्मा कंपनियों से मिली. भाजपा को सबसे अधिक राशि मिली, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियाँ प्रमुख दानदाता थीं. कई कंपनियां, जिनमें से कुछ केंद्रीय एजेंसियों की जांच के घेरे में हैं, ने बड़ी धनराशि दान की, जिनमें से कुछ ने भाजपा और कुछ ने कांग्रेस को फंड्स दिए हैं.

पॉलिटिकल पार्टी की जेब गर्म कर रही इंफ्रास्ट्रक्चर और फार्मा कंपनी, चुनाव आयोग ने बताए बड़े दानदाताओं के नाम
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 15 April 2025 7:17 AM

भारत में राजनीतिक दलों को मिलने वाली फंडिंग को लेकर चुनाव आयोग (EC) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा हाल ही में प्रकाशित आंकड़ों से कई अहम जानकारियां सामने आई हैं. वर्ष 2023-24 में सबसे अधिक फंडिंग इलेक्टोरल ट्रस्ट्स के माध्यम से हुई, लेकिन इसके बाद इंफ्रास्ट्रक्चर और फार्मा सेक्टर की कंपनियाँ बड़े दानदाताओं के रूप में उभरीं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों में से कम से कम पांच ऐसी हैं जिन पर विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों की जांच चल रही है. इनमें चार कंपनियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को और एक हैदराबाद स्थित कंपनी ने कांग्रेस को बड़ी धनराशि दान की है. इस रिपोर्ट में नौ प्रमुख दलों भाजपा, कांग्रेस, आप, टीडीपी, जेडीयू, टीएमसी, डीएमके, वाईएसआरसीपी और बीआरएस की फंडिंग का विश्लेषण किया गया है.

इन कंपनियों ने दिया सबसे ज्यादा दान

सबसे ज्यादा दान देने वाले ट्रस्ट्स में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (₹1,061 करोड़), ट्रायम्फ ट्रस्ट (₹132.5 करोड़), और जयभारत ट्रस्ट प्रमुख हैं. इन तीन ट्रस्ट्स ने कुल ₹1,196 करोड़ की राशि छह प्रमुख दलों को दी. इन ट्रस्ट्स ने दानदाता और राजनीतिक दलों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई.

23 कंपनियों ने दिया ₹248 करोड़ का दान

इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण क्षेत्र की 23 कंपनियों ने कुल ₹248 करोड़ का दान किया. इस लिस्ट में भाजपा को अकेले ₹227 करोड़ प्राप्त हुए. उसके बाद टीडीपी को ₹10.83 करोड़ और कांग्रेस को ₹9 करोड़ मिले. इन कंपनियों को आमतौर पर सरकारी टेंडर और मंजूरियों पर निर्भर रहना पड़ता है.

बीजेपी को अकेले दिए ₹50 करोड़

इन कंपनियों में अहमदाबाद की दिनेशचंद्र आर अग्रवाल इंफ्राकॉन सबसे बड़ा दानदाता रहा, जिसने अकेले भाजपा को ₹50 करोड़ दिए. इस कंपनी पर 2016 से आयकर विभाग की जांच चल रही है और 2021-22 में इसे टैक्स नोटिस भी भेजा गया. इसने 2023 में चुनावी बॉन्ड के जरिए भी भाजपा और शिवसेना को दान दिया था. इसी तरह दिलीप बिल्डकॉन नामक कंपनी, जो कि सीबीआई और ईडी की जांच के घेरे में है, उसने भी भाजपा को दान दिया. इस कंपनी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को एनएचएआई प्रोजेक्ट में रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में ईडी ने ₹20 लाख की संपत्ति जब्त की.

कांग्रेस को एक ही कंपनी से मिले ₹21.5 करोड़

कांग्रेस को हैदराबाद की रियल एस्टेट कंपनी राजपुष्पा प्रॉपर्टीज ने ₹21.5 करोड़ का दान दिया है. इस कंपनी पर फरवरी 2023 में आयकर छापे पड़े थे. इसके प्रमोटर्स पेरुपति परिवार से हैं, जो एक रिटायर्ड आईएएस अफसर के रिश्तेदार हैं. इसके अलावा पुष्पलीला रेड्डी नामक एक और डोनर ने कांग्रेस को ₹3 करोड़ का दान दिया.

फार्मा सेक्टर से मिले ₹244 करोड़

फार्मा सेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर के बाद दूसरा सबसे बड़ा दानदाता रहा, जहां 14 कंपनियों ने ₹244 करोड़ दान किए. इनमें भाजपा को ₹240 करोड़ और कांग्रेस को ₹4 करोड़ प्राप्त हुए. सबसे बड़ा फार्मा डोनर भारत बायोटेक रहा, जिसने अकेले ₹50 करोड़ भाजपा को दिए। Zydus, Alkem, Intas और Macleods ने भी ₹25-25 करोड़ भाजपा को दान दिए. Zydus को दिसंबर 2023 में ₹284 करोड़ का आयकर नोटिस मिला था, लेकिन कंपनी ने इस दान और टैक्स नोटिस के बीच किसी संबंध से इनकार किया है.

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