D गैंग, कार और 20 लाख... मुजम्मिल की डायरी से खुला साजिश का राज, अल फलाह का रूम नंबर 13 था प्लानिंग का अड्डा
दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच के क्रम में अफसरों ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कमरा-13 से मुजम्मिल की गुप्त डायरी बरामद की है. डायरी सामने आने के बाद व्हाइट कॉलर टेरर के खतरनाक साजिश ने सबको सकते डाल दिया है. जांच अधिकारी यह सोचकर सन्न हैं कि आतंकियों का ग्रुप अगर अपने साजिश में सफल होते तो सबके सामने ऐसा मंजर आता, जो आज कभी नहीं हुआ.
दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों में से एक मुजम्मिल की डायरी के पन्नों ने एक सुनियोजित साजिश का नक्शा उजागर किया है. अल-फलाह विश्वविद्यालय के रूम-13 से बरामद नोटबुक में ऑपरेशन-नोट्स, संभावित तारीखें और संपर्क-सूची दर्ज मिलीं हैं. जांच के दौरान कमरे से खतरनाक योजना का ब्लू प्रिंट, नकदी, डायरी और लॉज-रिकॉर्ड ने ब्लास्ट की कहानी को पहले से ज्यादा गंभीर बना दिया है. जांच एजेंसियां इन पन्नों को क्रॉस-वेरीफाई कर रही हैं. ताकि रिमोट हैंडलिंग और नेटवर्क कनेक्शनों का पता लगाया जा सके.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली बम ब्लास्ट की जांच में हर रोज एक बढ़कर एक नए खुलासे सामने आ रहे हैं. जांच क्रम में फोरेंसिक टीम ने 17 नंबर बिल्डिंग के कमरा नंबर 13 से आतंकी हमले में शामिल प्रमुख आरोपियों में से एक मुजम्मिल की डायरी बरामद की है. इसी कमरे वह रहता था. डायरी से कई खतरनाक साजिश का खुलासा हुआ है. इनमें एक सच यह है कि उमर, मुजम्मिल और शाहीन समेत देश भर में फैले उनकी टीम कई शहरों में इस तरह का विस्फोट करने का ब्लू प्रिंट यहीं तैयार करते थे. अब उस पर अमल की बारी है. इसी साजिश के तहत वे लोग दिल्ली के लाल किला के पास विस्फोट करने में सफल भी रहे. डॉक्टर मुजम्मिल शकील की राजधानी में दीवाली के दौरान ही धमाका करने योजना थी.
कमरा नंबर 13 का राज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी आतंकियों का मीटिंग प्वाइंट था. पुलवामा का रहने वाला मुजम्मिल शकील अपने कमरे में दूसरे आतंकी डॉक्टर के साथ वो मीटिंग किया करता था. यूनिवर्सिटी से लैब से कुछ केमिकल किस तरह से यूनिवर्सिटी से बाहर मुजम्मिल के कमरे पर ले जाने है, इसकी जानकारी भी डायरी में है.
पेन ड्राइव बरारी
फिलहाल, पुलिस ने कमरा नंबर 13 को सीज कर दिया है. इस कमरे से पुलिस को कई तरह के डिवाइस और पेन ड्राइव मिले हैं. इस यूनिवर्सिटी के दो फैकल्टी डॉक्टर उमर उन नबी और शाहीन शाहिद ने कॉलेज की लैब से केमिकल अरेंज करके फरीदाबाद के धौज और तगा गांव में छिपा रखा था.
ऐसे तैयार हुआ था विस्फोटक
दिल्ली ब्लास्ट की जांच में जुटे अधिकारियों को शक है इन रासायनिक पदार्थ, कम मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट और ऑक्साइड मिलाकर ही विस्फोटक तैयार किए गए थे. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार लाल किला विस्फोट के आरोपी डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल, उमर और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपये नकद जुटाए, जो उमर को सौंपे गए थे. एजेंसियों के अनुसार, बाद में उन्होंने नूंह और से IED तैयार करने के लिए 3 लाख रुपये का 20 क्विंटल से ज्यादा NPK उर्वरक खरीदा था. उमर और डॉ. मुजम्मिल के बीच पैसों का विवाद भी था. उमर ने सिग्नल ऐप पर 2-4 सदस्यों वाला एक ग्रुप बनाया था.
तीन और कारों में लगाना था विस्फोटक
हरियाणा पुलिस सूत्रों के मुताबिक सूत्रों के उमर की i20 कार की तरह विस्फोटक से तैयार होनी वाली थी तीन और कारें. डॉक्टर्स की आड़ में आतंक का खेल खेलने वाले डॉक्टर्स की बम ब्लास्ट की बहुत बड़ी प्लानिंग थी. डॉक्टर्स आतंकियों का प्लान सिर्फ दिल्ली ही नहीं, अयोध्या, प्रयागराज समेत कई जगहों पर ब्लास्ट करने का था. दो-दो के ग्रुप में तैयार हुए थे 8 आतंकियों के ग्रुप, हर जगह ब्लास्ट के लिए पुरानी सेकेंड हैंड कार की गई थी अरेंज.
एन्क्रिप्टेड रूट के जरिए से हैंडलर्स से करते थे बात
जांच अधिकारियों का कहना है कि अगर जम्मू कश्मीर पुलिस के जरिए इस यूनिवर्सिटी और डॉक्टर की साजिश का खुलासा न होता तो एक साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में कई ब्लास्ट करने की साजिश रची जा रही थी. विस्फोटक का कोड वर्ड शिपमेंट और पैकेज था. आतंकी विदेशी हैंडलर्स से एन्क्रिप्टेड रूट के जरिए से बात करते थे और इन्हें आदेश भी इसी पर मिलते थे.
विस्फोटक का कोड वर्ड था - शिपमेंट और पैकेज
अमोनियम नाइट्रेट, ऑक्साइड, फ्यूल ऑयल से जो ये विस्फोटक तैयार करते थे, उसे कोड वर्ड में लिखा करते थे. आतंकी डॉक्टर विस्फोटक को शिपमेंट और पैकेज लिखा करते थे. इनके फोन से ये कोड वर्ड बरामद हुए हैं.





