देश या अफजल गुरू... स्वाति मालीवाल ने आतिशी से पूछा आप किसके साथ?
आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल अपनी ही पार्टी के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए हैं. आज उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और उनके माता-पिता पर बड़ा हमला बोला है. स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर आतिशी की मां तृप्ता वाही द्वारा आतंकी अफजल गुरु की फांसी रोकने के लिए लिखे गए पत्र को साझा करते हुए तीखी आलोचना की है.

आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल अपनी ही पार्टी के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए हैं. आज उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और उनके माता-पिता पर बड़ा हमला बोला है. स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर आतिशी की मां तृप्ता वाही द्वारा आतंकी अफजल गुरु की फांसी रोकने के लिए लिखे गए पत्र को साझा करते हुए तीखी आलोचना की है.
स्वाति मालीवाल ने दावा किया कि यह पत्र तत्कालीन राष्ट्रपति को लिखा गया था. इस बहाने उन्होंने मुख्यमंत्री आतिशी से सवाल किया कि 'आप देश के साथ हैं या अफजल गुरु के साथ? अपना स्टैंड साफ करें. इसके अलावा, स्वाति मालीवाल ने तृप्ता वाही द्वारा संसद हमले के संदिग्ध सैयद अब्दुल रहमान गिलानी के बचाव में लिखे गए पत्र का भी जिक्र किया है. इस नए विवाद के बाद आम आदमी पार्टी में अंदरूनी कलह और तेज होती दिख रही है.
स्वाति मालीवाल ने उठाए सवाल
स्वाति मालीवाल ने आज अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर सुबह 10 बजे एक खुलासा करने की बात कही थी. स्वाति मालीवाल ने इसके बाद सिलेसिलेवार तरीके से दो पोस्ट किए हैं. पहली पोस्ट में उन्होंने आतिशी की मां पर सीधा करते हुए एक पत्र जारी किया. स्वाति ने लिखा कि, आतिशी की माता तृप्ता वाही ने देश के राष्ट्रपति को लिखा था. इस पत्र में अफजल गुरु को निर्दोष साबित करने का प्रयास किया गया था.
इस पत्र में कश्मीर को भारत से अलग के की बात करने वाले आतंकी मकबूल भट्ट का भी जिक्र है. कहते हैं कि उसकी फांसी से कश्मीर में माहौल बिगड़ा था इसलिए अफजल को माफ किया जाए.पूरे पत्र में अफजल गुरु को हीरो दिखाने की कोशिश है. आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल oने पूछा कि आतिशी ज अपना स्टैंड साफ करें. क्या आप देश के साथ हैं या अफजल के साथ.
दिल्ली मे विधानसभा चुनाव होने के करीब 5 दिन का समय बचा हुआ है और 8 तरीख को वोटिंग है. अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. इस बार के चुनाव में देखना होगा कि 27 साल बाद भाजपा वनवास से वापस लौटेगी या फिर आम आमदी पार्टी नया रिकॉर्ड बनाएगी.