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बजट से दुखी हुए अरविंद केजरीवाल, कहा- न कर्जे माफ़ हुए न मिडिल क्लास को मिली छूट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट पेश किया, जिसमें मध्यम वर्ग को महत्वपूर्ण राहत देने की घोषणा की. यह उनका आठवां बजट था, जिसमें आर्थिक सुधार और सामाजिक कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया. हालांकि, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बजट पर नाराजगी जताई और अरबपतियों के कर्ज माफ करने पर सवाल उठाए. उन्होंने मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में राहत और किसानों के कर्ज माफ करने की मांग की.

बजट से दुखी हुए अरविंद केजरीवाल, कहा- न कर्जे माफ़ हुए न मिडिल क्लास को मिली छूट
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 1 Feb 2025 3:54 PM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने मध्यम वर्ग को महत्वपूर्ण राहत देने की घोषणा की. यह बजट उनके लिए आठवां था और इसे संसद में पेश करते हुए उन्होंने कई अहम प्रावधानों का उल्लेख किया. बजट में आर्थिक सुधारों और सामाजिक कल्याण की दिशा में कदम उठाने की बात कही गई है. हालांकि, इस बजट का विरोध भी शुरू हो गया है. खासकर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी शुरुआत कर दी है.

अरविंद केजरीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए इस बजट पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि देश के खजाने का एक बड़ा हिस्सा कुछ अमीर अरबपतियों के कर्ज माफ करने में खर्च हो जाता है. साथ ही, उन्होंने बजट में यह घोषणा करने की मांग की कि भविष्य में किसी भी अरबपति का कर्ज माफ नहीं किया जाएगा. इस प्रकार, उनका यह बयान बजट पर उठाए गए सवालों को लेकर राजनीतिक बहस को और गर्म कर सकता है.

केजरीवाल ने क्या कहा?

केजरीवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "देश के खजाने का एक बड़ा हिस्सा चंद अमीर अरबपतियों के क़र्ज़े माफ़ करने में चला जाता है. मैंने मांग की थी कि बजट में ये ऐलान किया जाए कि आगे से किसी अरबपति के क़र्ज़ माफ़ नहीं किए जाएंगे. इससे बचने वाले पैसे से मिडिल क्लास के होम लोन और व्हीकल लोन में छूट दी जाए. किसानों के कर्ज़े माफ़ किए जाएं और इनकम टैक्स और GST की टैक्स दरें आधी की जाएं. मुझे दुख है कि ये नहीं किया गया.

राहुल गांधी ने भी साधा निशाना

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "बुलेट घावों के लिए बैंड-एड लगाया गया है. वैश्विक अनिश्चितता के बीच, हमारी आर्थिक संकट का समाधान एक नये दृष्टिकोण की आवश्यकता है. लेकिन यह सरकार विचारों के मामले में पूरी तरह दिवालिया है."

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