'एक दिल्ली का बेटा' और 'दो CM के बेटे' के बीच टक्कर! केजरीवाल की नई दिल्ली सीट पर 'महामुकाबला'
Delhi Election 2025: नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र कुल 70 विधानसभा सीटों में से संख्या की दृष्टि से सबसे छोटी सीटों में से एक है और यहां मतदाताओं के रूप में सरकारी कर्मचारियों का दबदबा रहा है.

Delhi Election 2025: दिल्ली की आगामी विधानसभा चुनावों में भीषण लड़ाई की तैयारी चल रही है, ऐसे में आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का मुकाबला दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों से हो सकता है, जो भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायक केजरीवाल का प्रवेश वर्मा और संदीप दीक्षित के बीच कड़ा चुनावी मुकाबला होने की संभावना है.
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा ने शनिवार को कहा कि उन्हें नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. पश्चिम दिल्ली से लोकसभा के पूर्व सांसद वर्मा ने कहा, 'मेरी पार्टी ने मुझे इस सीट से तैयारी करने को कहा है.' कांग्रेस ने इस सीट पर पहले ही अपना उम्मीदवार संदीप दीक्षित घोषित कर दिया है. वह तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के बेटे हैं.
केजरीवाल को दिख रहा है मौका
दीक्षित और वर्मा का जिक्र करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे हैं और खुद को 'आम आदमी' बताया. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नई दिल्ली सीट पर मुकाबला 'सीएम के बेटों और आम आदमी' के बीच होगा. इससे पहले केजरीवाल ने उन अफवाहों को खारिज कर दिया कि वे अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों में नई दिल्ली सीट से किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में जाने वाले हैं.
भाजपा के आरोप
भाजपा ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल अपनी सीट से भी भाग जाएंगे, जैसे पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को उनकी पारंपरिक परपतगंज सीट के बजाय जंगपुरा से मैदान में उतारा गया है. जब उनसे सीट बदलने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'कोई बदलाव नहीं होगा। मैं नई दिल्ली सीट से और मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी से चुनाव लड़ेंगी.'
नई दिल्ली विधानसभा सीट का पिछला चुनाव
नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र कुल 70 विधानसभा सीटों में से सबसे छोटी विधानसभा सीटों में से एक है और यहां मतदाताओं के रूप में सरकारी कर्मचारियों का वर्चस्व है. आप सुप्रीमो ने 2013 के विधानसभा चुनावों में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25,000 से अधिक मतों के अंतर से हराकर देश के राजनीतिक तहलका मचा दिया था. 2015 में उन्होंने नई दिल्ली से भाजपा उम्मीदवार को 31,000 से ज़्यादा वोटों से हराकर फिर से जीत हासिल की. 2020 के चुनावों में उनकी जीत का अंतर घटकर 2,000 वोट रह गया.