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लाल किले से 500 मीटर दूर… छत पर मिला कटा हाथ! डॉक्टर उमर ही था कार ब्लास्ट का मास्टरमाइंड

दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट ने पूरे देश को हिला दिया है. धमाके के तीसरे दिन पुलिस को 500 मीटर दूर एक गेट की छत पर कटा हुआ हाथ मिला है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि विस्फोट इतना भयानक था कि पीड़ितों के शरीर के अंदरूनी हिस्से तक फट गए. जांच में i20 कार चला रहे डॉक्टर उमर का DNA उसकी मां से मैच हुआ है, जिससे उसकी पहचान पक्की हो गई. अब जांच एजेंसियां अल फलाह यूनिवर्सिटी और तुर्की हैंडलर के कनेक्शन की भी तहकीकात कर रही हैं.

लाल किले से 500 मीटर दूर… छत पर मिला कटा हाथ! डॉक्टर उमर ही था कार ब्लास्ट का मास्टरमाइंड
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 13 Nov 2025 10:37 AM

दिल्ली के दिल को दहला देने वाले लाल किला ब्लास्ट को तीन दिन गुजर चुके हैं, लेकिन हादसे के निशान आज भी दहशत की गवाही दे रहे हैं. 10 नवंबर की शाम को हुए इस विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि अब भी उसके अवशेष इलाके में बिखरे पड़े हैं. मंगलवार को जांच के दौरान पुलिस को घटना स्थल से लगभग 500 मीटर दूर एक बाजार के गेट की छत पर एक कटा हुआ हाथ मिला जो धमाके की भयावहता को बयान करता है.

ब्लास्ट के तीसरे दिन भी एनएसजी और फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर साक्ष्य जुटा रही हैं. दिल्ली पुलिस ने पूरे इलाके को दोबारा सील कर दिया है ताकि कोई भी सबूत हाथ से न निकल जाए. i20 कार में हुआ यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी गाड़ियां चिथड़े में बदल गईं और कई मकानों के शीशे तक टूट गए.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला डरावना सच

इस धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. एम्स और एलएनजेपी अस्पताल में हुए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से जो बातें सामने आई हैं, उन्होंने जांच एजेंसियों तक को झकझोर दिया है. मृतकों की हड्डियां चटक गईं, सिर पर गहरे घाव मिले और कई शवों के आंतरिक अंग पूरी तरह फट गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि धमाके की लहरों ने शरीर के अंदर तक तबाही मचाई. डॉक्टरों के मुताबिक, कई पीड़ितों के कान के पर्दे फटे, फेफड़े फट गए और पेट के अंदरूनी हिस्सों में गंभीर आघात के निशान मिले. यह संकेत देता है कि विस्फोट की तरंगें कितनी दूर और कितनी ताकत से फैली थीं. कई शवों पर दीवारों से टकराने और उड़कर गिरने के निशान भी दर्ज किए गए हैं.

DNA रिपोर्ट ने खोला राज: डॉक्टर उमर ही था कार में सवार

धमाके के बाद जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा सवाल था. i20 कार चला कौन रहा था? अब इस रहस्य से पर्दा उठ चुका है. फॉरेंसिक जांच में कार के अंदर से मिली हड्डियों और दांतों के टुकड़ों का DNA, आरोपी डॉक्टर उमर नबी की मां के DNA से 100% मैच हुआ है. यह पुष्टि करता है कि धमाके के वक्त कार चला रहा शख्स उमर ही था, और उसकी मौत उसी विस्फोट में हुई. सीसीटीवी फुटेज में दिखे संदिग्ध की पहचान भी DNA रिपोर्ट ने पुख्ता कर दी है.

कौन था उमर नबी? डॉक्टर से आतंकी तक का सफर

सूत्रों के अनुसार, उमर नबी एक शिक्षित व्यक्ति था, जो फरीदाबाद की एक यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था. लेकिन कुछ वर्षों से उसकी गतिविधियाँ रहस्यमय हो गई थीं — लंबे समय तक गायब रहना, घरवालों से दूरी बनाना और किसी से संपर्क न रखना उसकी आदत बन गई थी. परिवार को लगता था कि वह किसी निजी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जबकि असल में वह आतंकी संगठन से जुड़ चुका था. एनआईए और दिल्ली पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि उमर तुर्की में बैठे अपने हैंडलर से सेशन ऐप के ज़रिए संपर्क में था, जो उसे निर्देश दे रहा था.

तीन घंटे तक लाल किले की पार्किंग में खड़ा रहा

CCTV फुटेज से यह भी खुलासा हुआ है कि उमर नबी ब्लास्ट से पहले करीब तीन घंटे तक लाल किले की पार्किंग में खड़ा रहा. इस दौरान उसने कार से बाहर कदम तक नहीं रखा. वह 3:19 बजे पार्किंग में दाखिल हुआ और 6:28 बजे निकला. ठीक उसी समय धमाका हुआ जिसने पूरे इलाके को दहला दिया. पुलिस का मानना है कि इसी दौरान उसने विस्फोटक को सक्रिय किया. जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या धमाका रिमोट डिवाइस से किया गया था या टाइमर से.

अल फलाह यूनिवर्सिटी पर भी नजर

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े इस केस में अब जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है. NIA ने अल फलाह यूनिवर्सिटी से उमर नबी और उससे जुड़े अन्य दो डॉक्टरों डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन शाहिदा के सभी दस्तावेज मांगे हैं. एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी की जमीन के कागजात, ट्रस्ट फाइलें, सरकारी NOC, बिल्डिंग प्लान, और UGC से मिले अनुमोदन पत्र भी जब्त किए हैं. शुरुआती जांच से पता चलता है कि इस नेटवर्क का इस्तेमाल युवाओं को कट्टरपंथ की राह पर ले जाने और भर्ती करने के लिए किया जा रहा था.

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