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टीचर को सबक सिखाना चाहते थे स्टूडेंट्स, बाथरूम में लगाया विस्फोटक डिवाइस, चपेट में आईं 9 साल की बच्ची

शैतान बच्चों की प्लानिंग उस वक़्त स्कूल में पकड़ी गई जब टीचर की जगह एक नौ साल की स्टूडेंट इस विस्फोटक का शिकार हो गई. दरअसल कथित तौर पर ऑनलाइन खरीदा गया सोडियम का नॉब टंकी में लगा दिया.

टीचर को सबक सिखाना चाहते थे स्टूडेंट्स, बाथरूम में लगाया विस्फोटक डिवाइस, चपेट में आईं 9 साल की बच्ची
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 25 Feb 2025 10:19 AM IST

आजकल के बच्चे जो पैरेंट्स और टीचर्स की डांट को जरा भी सह नहीं पाते और सीधा उन्हें अपनी हरकतों से सबक सिखाने का रुख अपना लेते हैं. कुछ ऐसा किया आठवीं और नौवीं क्लास के पांच स्टूडेंट्स ने जिनके साथ तीन लड़कियां भी शामिल थी. छत्तीसगढ़ के एक प्राइवेट स्कूल में एक अजीब क्राइम की खबर सामने आई है. जिसमें इन पांच स्टूडेंट्स ने स्कूल के टॉयलेट में विस्फोट की प्लानिंग बनाई क्योंकि वह अपने टीचर से नाराज थें.

लेकिन शैतान बच्चों की प्लानिंग उस वक़्त स्कूल में पकड़ी गई जब टीचर की जगह एक नौ साल की स्टूडेंट इस विस्फोटक का शिकार हो गई. दरअसल कथित तौर पर ऑनलाइन खरीदा गया सोडियम का नॉब टंकी में लगा दिया. जिससे पानी के संपर्क में आने पर इसमें विस्फोट हो गया और पिछले हफ्ते एक नौ वर्षीय लड़की इस विस्फोटक का शिकार हो गई थी. हालांकि चार आरोपियों को हिरासत में लिया गया और रिहैबिलिटेशन होम दिया गया.

विस्फोटक का शिकार हुई बच्ची

इस भयानक वारदात से बेखबर, नौ साल की बच्ची 21 फरवरी को टॉयलेट गई और जैसे ही उसे झटका लगा, एक विस्फोट हुआ. बाहर स्कूल स्टाफ ने विस्फोट और उसकी चीखें सुनीं और मदद के लिए दौड़े लेकिन दरवाजा बंद पाया. उन्होंने दरवाज़ा तोड़ दिया और उसे नीचे गिरा हुआ पाया, उसका पूरा शरीर जल गया था. उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया. उसके माता-पिता ने एफआईआर दर्ज कराई. वे अब भी सदमे में हैं. विस्फोट ने उन माता-पिता को झकझोर कर रख दिया, जो अपने बच्चों के लिए डरे हुए थे और दोषियों को सजा नहीं मिलने तक विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी.

चार आरोपी हुए गिरफ्तार

बिलासपुर के एसपी रजनेश सिंह ने टीओआई को बताया कि गितफ़्तार हुए चारों आरोपियों कि काउंसलिंग की जाएगी. पांचवीं छात्रा, जिसे अभी तक हिरासत में नहीं लिया गया है, वह अपने रिश्तेदार के घर पर है और जल्द ही उसे भी न्याय बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.' जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम भी जांच कर रही है, जिसमें कई स्कूलों के प्रिंसिपल इस बात से अनजान है कि आखिर उनके पीठ पीछे स्टूडेंट्स क्या करते है स्कूल में.

पहेली सुलझ गई है

स्कूल विस्फोट ने जांचकर्ताओं को हैरान कर दिया था. पीड़ित पर रासायनिक जलन और छर्रे की कमी से संकेत मिलता है कि यह कोई विस्फोटक डिवाइस किसी प्रोफेशनल विस्फोटक डिवाइस से कम नहीं था. बिलासपुर के एसपी रजनेश सिंह ने कहा, 'यह वास्तव में एक बहुत ही अजीब मामला है. उन्होंने कहा कि स्कूल द्वारा उपलब्ध कराए गए सीसीटीवी फुटेज से पहेली सुलझ गई है. उन्होंने कहा, 'इससे उन छात्रों की पहचान करने में मदद मिली जिन्होंने स्कूल के टॉयलेट के अंदर सोडियम लगाया था.

ऑनलाइन सीखा विस्फोटक बनाना

जांचकर्ताओं के मुताबिक, पांचों स्टूडेंट्स अपनी एक टीचर से परेशान थे उन्हें सबक सिखाना चाहते थे. मामले में पुलिस ने कहा, 'स्टूडेंट्स ने अपनी आंटी के सोशल मीडिया अकाउंट पर विस्फोटक डिवाइस बनाना सीखा कि कैसे पानी के संपर्क में आने पर सोडियम कैसे विस्फोटक तरीके से प्रतिक्रिया करता है. छात्रों में से एक ने अपनी आंटी के अकाउंट से ऑनलाइन सोडियम का ऑर्डर दिया और अन्य ने इसे टंकी में रख दिया, जिसे किसी के द्वारा फ्लश करने की कोशिश करते ही विस्फोट करने के लिए डिज़ाइन किया गया था.

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