प्रेमिका की शादी से आगबबूला प्रेमी, गूगल से सीखी IED बनाने की तरकीब, धमाके से पति की हत्या कर लेना चाहता था बदला
जुनूनी प्रेमी और इलेक्ट्रीशियन ने गूगल पर 'बम बनाने का तरीका' सर्च किया और प्रेमिका के पति की हत्या करने के लिए उसे 'उपहार' के तौर पर म्यूजिक स्पीकर में IED भेज दिया. इस साजिश का खुलासा तब हुआ जब उपहार पाने वाले ने संदिग्ध पार्सल की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने मामले की खोजबीन की तो पार्सल के अंदर 2 किलो का एक IED था जो प्लग लगाते ही फट सकता था.
छत्तीसगढ़ के एक 20 वर्षीय इलेक्ट्रीशियन ने एक प्रेमिका के पति को म्यूजिक स्पीकर बतौर गिफ्ट विस्फोटक भेजकर उसकी हत्या करने की कोशिश की. आरोपी विनय वर्मा कथित तौर पर कॉलेज के दिनों से ही महिला के प्रति जुनूनी था. उसने हाल ही में हुई उसकी शादी के बाद, उसके पति को खत्म करने की यह योजना बनाई.
यह साजिश तब सामने आई जब गंडई थाना क्षेत्र के मानपुर गांव की एक दुकान पर एक संदिग्ध पार्सल पहुंचा, जो बड़े करीने से उपहार में लिपटा हुआ था और जिस पर नकली इंडिया पोस्ट का लोगो लगा था. यह पार्सल गांव के निवासी अफसर खान के नाम पर था, जिसे आरोपी जान से मारना चाहता था. इसे संदिग्ध पाकर, खान ने तुरंत पुलिस को सूचित किया.
क्या है पूरा मामला?
इसके बाद एक बम निरोधक दल ने पार्सल की जांच की और एक बिल्कुल नए स्पीकर के अंदर 2 किलो का IED छिपा हुआ पाया. तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि आईईडी को बिजली के स्रोत से जुड़े ही विस्फोट करने के लिए डिजाइन किया गया था. करंट स्पीकर की वायरिंग से जुड़े एक डेटोनेटर तक पहुंचा था, जिससे विस्फोट होता था.
जांच से पता चला कि खैरागढ़ के कुसमी गांव निवासी विनय वर्मा ने कथित तौर पर खान की हत्या की साजिश रची थी. पुलिस का कहना है कि वह खान की पत्नी से उसके कॉलेज के दिनों से ही एकतरफा प्यार करता था. कुछ महीने पहले खान से शादी करने के बाद वर्मा ने कथित तौर पर उसे खत्म करने की साजिश रची और ऑनलाइन ट्यूटोरियल का इस्तेमाल कर आईईडी को इस तरह डिजाइन किया कि वह प्लग इन करते ही विस्फोट कर जाए. जिलेटिन की छड़ों का इस्तेमाल मुख्य विस्फोटक के रूप में किया गया था और स्पीकर का बाहरी आवरण विस्फोट होने पर घातक छर्रों का काम करेगा.
पत्थर खदान से चुराए गए थे विस्फोटक : एसपी
इलेक्ट्रीशियन विनय वर्मा ने स्पीकर खरीदा और ऑनलाइन ट्यूटोरियल का इस्तेमाल कर आईईडी को असेंबल किया. खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) लक्ष्य शर्मा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि उसके मोबाइल फोन की गूगल सर्च हिस्ट्री में "पुलिस की पकड़ में आए बिना बम से किसी व्यक्ति को कैसे मारा जाए" शामिल था.
आगे की जांच से पता चला कि उपकरण में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की एक पत्थर खदान से चुराए गए थे. दुर्ग निवासी परमेश्वर ने कथित तौर पर दुर्ग के ही गोपाल और दिलीप से जिलेटिन की छड़ें खरीदने के लिए 6,000 रुपये दिए थे. अधिकारी ने बताया कि घासीराम ने विस्फोटक पहुंचाए. जबकि अखिलेश पर पार्सल पर इस्तेमाल किए गए नकली, भारतीय डाक लोगों को तैयार करने का आरोप है.
गोपाल की मदद से वर्मा ने अंततः विस्फोटकों से भरा उपहार खान की दुकान तक पहुंचाया. उन्होंने बताया कि दुर्ग में गोपाल और दिलीप के ठिकानों पर बाद में की गई छापेमारी में 60 जिलेटिन की छड़ें और दो डेटोनेटर जब्त किए गए. उन्होंने बताया कि विस्फोटक पथरिया इलाके की एक खदान से अवैध रूप से लाए गए थे, जिसके संचालक से भी पूछताछ की जाएगी.
आईईडी से हत्या की साजिश नाकाम
एसपी शर्मा ने कहा, "इस कार्रवाई ने न केवल एक सुनियोजित हत्या को नाकाम किया, बल्कि क्षेत्र में अवैध विस्फोटक आपूर्ति के एक नेटवर्क का भी पर्दाफाश किया." इस मामले की आगे की जांच जारी है और अपराध में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस के अनुसार अन्य की पहचान परमेश्वर वर्मा (25), गोपाल वर्मा (22), घासीराम वर्मा (46), दिलीप धीमर (38), गोपाल खेलवार और अखिलेश वर्मा (19) के रूप में हुई है.





