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चावल चोरी का था शक, दलित को पेड़ से बांधकर इतना पीटा कि हो गई मौत, आरोपी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ में एक दलित शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी. चावल चोरी के शक में तीन लोगों ने यह कदम उठाया. अब इस घटना को लेकर कार्यकर्ता भड़के हुए हैं. उनका कहना है कि यह लॉब लिंचिंग का मामला है.

चावल चोरी का था शक, दलित को पेड़ से बांधकर इतना पीटा कि हो गई मौत, आरोपी गिरफ्तार
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( Image Source:  freepik )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 24 Dec 2024 1:24 PM IST

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से एक मामला सामने आया है, जिसमें शक के चलते एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई. यह मामला 22 दिसंबर का है. केवल चावल चोरी के शक के कारण दलित व्यक्ति को बुरी तरह पीटा गया. इसके कारण उसकी मौत हो गई.

अब इस मामले में पुलिस ने हत्या के आरोप में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं, इस मामले में कार्यकर्ताओं ने कहा है कि यह भीड़ द्वारा की गई हत्या का मामला है, जबकि पुलिस कहा कहना है कि भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध की परिभाषा में नहीं आता है.

पेड़ से बांधकर की पिटाई

यह घटना डुमरपल्ली गांव में रात करीब 2 बजे हुई. पुलिस को दिए गए अपने बयान के अनुसार इस मामले के मुख्य संदिग्ध वीरेंद्र सिदार ने कहा कि रविवार के दिन उसे शोर सुनाई दिया, जिसके कारण वह नींद से जाग गया. इसके बाद उसने देखा कि पीड़ित पंचराम सारथी उर्फ ​​बुटू उसके घर से चावल की बोरी चुराने की कोशिश कर रहा है. गुस्से में आकर उसने अपने पड़ोसियों अजय प्रधान और अशोक प्रधान को बुलाया और तीनों ने मिलकर सारथी को एक पेड़ से बांध दिया.

बेहोशी की हालत में मिला शख्स

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गांव के सरपंच ने सुबह इस बात की खबर पुलिस को दी, जहां सुबह 6 बजे मौके पर पुलिस की एक टीम पहुंची. पुलिस को सारथी पेड़ पर बंधा हुआ बेहोशी की हालत में मिला.पुलिस सूत्रों का दावा है कि उसे बांस की डंडों से पीटा गया. साथ ही, उसे लात-घूंसे भी मारे गए.

गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों पर बीएनएस की धारा 103 (1) के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अब मामले में और लोगों की मौजूदगी की जांच कर रही है.

भड़के कार्यकर्ता

इस बीच यह मामला विवादों में आ गया है, क्योंकि कार्यकर्ताओं ने मामले में भीड़ द्वारा हत्या के प्रावधान को लागू करने की मांग की है. बीएनएस की धारा 103 (2) के प्रावधान में भीड़ द्वारा हत्या को इस तरह परिभाषित किया गया है, "जब पांच या उससे अधिक लोगों का समूह मिलकर काम करता है और नस्ल, जाति या समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, व्यक्तिगत विश्वास या किसी अन्य समान आधार पर हत्या करता है, तो ऐसे समूह के प्रत्येक सदस्य को मौत या आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी देना होगा".

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