बसवराजू ढेर, लेकिन लाश से कांपी सरकार! छत्तीसगढ़ पुलिस ने कहा- अंतिम संस्कार परिवार नहीं, हम करेंगे
छत्तीसगढ़ पुलिस ने मारे गए माओवादी नेता बसवराजू का शव उसके परिवार को सौंपने से इनकार कर दिया. पुलिस को आशंका है कि सार्वजनिक अंतिम संस्कार से माओवादी विचारधारा का महिमामंडन हो सकता है. परिवार ने शव की मांग की है, लेकिन पुलिस सुरक्षा कारणों से सावधानी बरत रही है. मामला कानून-व्यवस्था और चरमपंथ से निपटने की नीति से जुड़ा है.

CPI Maoist Leader Nambala Keshav Rao Basavaraju Funeral Dispute: छत्तीसगढ़ पुलिस ने हाल ही में माओवादी नेता नंबाला केशव राव उर्फ़ बसवराजू के शव को उसके परिवार को सौंपने से इनकार कर दिया है. बसवराजू, जो कि सीपीआई (माओवादी) का महासचिव था, पिछले सप्ताह नारायणपुर जिले में एक मुठभेड़ में मारा गया था. पुलिस का मानना है कि यदि उसके शव को परिवार को सौंपा गया और सार्वजनिक अंतिम संस्कार की अनुमति दी गई, तो इससे उनकी माओवादी गतिविधियों का महिमामंडन हो सकता है, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है.
बसवराजू के परिवार ने अंतिम संस्कार के लिए शव की मांग की है. बसवराजू के परिवार में सौतेली मां और भाई हैं, जो आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में रहते हैं.
जम्मू-कश्मीर की नीति अपना सकती है छत्तीसगढ़ पुलिस
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में 2019 से अपनाई गई नीति के तहत, आतंकवादियों के शव उनके परिवारों को नहीं सौंपे जाते, बल्कि पुलिस द्वारा गुप्त स्थानों पर दफनाए जाते हैं, जिससे बड़े पैमाने पर जनसभाओं और संभावित कट्टरपंथीकरण को रोका जा सके. छत्तीसगढ़ पुलिस भी इस नीति को अपनाने पर विचार कर रही है.
बीच का रास्ता निकाल रही पुलिस
हालांकि, पुलिस ने संकेत दिया है कि वे एक बीच का रास्ता अपना सकते हैं, जिसमें परिवार के सदस्यों को एक सुरक्षित स्थान पर पुलिस द्वारा आयोजित अंतिम संस्कार में भाग लेने की अनुमति दी जा सकती है, जिससे सार्वजनिक प्रदर्शन और संभावित कानून-व्यवस्था की समस्याओं से बचा जा सके. इससे बसवराजू को माओवादी नायक के रूप में पेश करने की माओवादियों की चाल भी नाकाम हो जाएगी.
बसवराजू का शव परिवार को क्यों नहीं सौंप रही पुलिस?
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नारायणपुर में एनकाउंटर के दौरान मारे गए 27 माओवादियों में से 12 से ज्यादा शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं, लेकिन बसवराजू जैसे कदम के नेता के लिए ऐसा करना उचित नहीं है. अधिकारी ने बताया कि बसवराजू चार दशकों से अपने परिवार के संपर्क में नहीं था. उसके किसी भी रिश्तेदार ने उसके सीपीआई (माओवादी) से जुड़ाव की निंदा नहीं की और न ही कोई सार्वजनिक अपील जारी की. यहां तक कि पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर भी उन्होंने बसवराजू से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार कर दिया.