अश्लीलता नहीं बर्दाश्त... एल्विश-अंजलि के गरबा इवेंट पर हिंदू संगठनों का हल्ला, जलाए गए पोस्टर
अंबिकापुर में होने वाले डांडिया और गरबा महोत्सव को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस इवेंट में यूट्यूबर एल्विश यादव और सोशल मीडिया स्टार अंजलि अरोड़ा को बुलाया गया था, जिस पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में अश्लीलता की कोई जगह नहीं है.

छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में इस बार नवरात्रि के रंग सिर्फ गरबा और डांडिया तक सीमित नहीं रहे. रोशनी और संगीत से सजे इस त्योहार में अचानक विरोध और तनाव की लहर दौड़ गई. वजह बनी सोशल मीडिया की दो चर्चित हस्तियां- यूट्यूबर एल्विश यादव और इन्फ्लुएंसर अंजलि अरोड़ा.
जिन्हें डांडिया महोत्सव में बुलाया गया था. लेकिन जैसे ही यह खबर बाहर आई, हिंदू संगठनों ने विरोध किया और शहर का माहौल गरमा गया. संगठनों ने दोनों के पोस्टर तक जलाए.
लाखों में एल्विश और अंजलि की फीस
अंबिकापुर के एक होटल और पैलेस में 27 और 28 सितंबर को डांडिया और गरबा महोत्सव होना था. इस इवेंट को "करण घोष एंड पर्पल संग जस्ट डांडिया" की ओर से होस्ट किया जा रहा था. इसके लिए बड़ी तैयारियां भी की गई थीं. टिकट की कीमत 800 रुपये से शुरू होकर 25,000 रुपये तक रखी गई थी. वहीं, कलाकारों के साथ फोटो खिंचवाने के लिए 11,000 रुपये देने पड़ते. बताया जा रहा है कि इस शो के लिए यूट्यूबर एल्विश यादव को 17 लाख रुपये और सोशल मीडिया स्टार अंजलि अरोड़ा को 10 लाख रुपये फीस दी गई थी.
अश्लीलता फैलाने वाले इंफ्लुएंसर
मामला तब तूल पकड़ गया जब हिंदू संगठनों को पता चला कि इन दोनों इंटरनेट स्टार्स को नवरात्रि जैसे धार्मिक आयोजन में बुलाया गया है. "सर्व सनातन रक्षा वाहिनी" और "सर्व हिंदू समाज संगठन" जैसे समूहों ने कड़ी आपत्ति जताई. उनका आरोप था कि एल्विश और अंजलि सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाते हैं और ऐसे लोग देवी की पूजा और भक्ति के मौके पर मंच पर नहीं होने चाहिए.
जलाए गए पोस्टर
देखते ही देखते विरोध सड़कों पर आ गया. संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अंबिकापुर में इन दोनों कलाकारों के पोस्टर जलाए और नारेबाजी की. माहौल तनावपूर्ण होते देख पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा. अफसरों ने आयोजकों और प्रदर्शनकारियों दोनों से बातचीत कर स्थिति को काबू में लेने की कोशिश की.