Begin typing your search...

चिराग पासवान लड़ेंगे शाहाबाद से चुनाव? एनडीए की डूबती नैया को मिल सकता है सहारा; लगाया गया पोस्टर

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हैं. शाहाबाद क्षेत्र से उनके चुनाव लड़ने की चर्चाएं जोरों पर हैं, जहां पोस्टर भी लगाए जा चुके हैं. यह क्षेत्र कभी एनडीए का गढ़ रहा है, लेकिन हाल के चुनावों में कमजोर हुआ है. चिराग की एंट्री से एनडीए को नए सिरे से सियासी ताकत मिलने की उम्मीद है.

चिराग पासवान लड़ेंगे शाहाबाद से चुनाव? एनडीए की डूबती नैया को मिल सकता है सहारा; लगाया गया पोस्टर
X
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 5 Jun 2025 12:21 PM

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान अब बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. खबर है कि वे शाहाबाद क्षेत्र, यानी भोजपुर ज़िले की किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. इससे पहले शेखपुरा से भी उन्हें लड़ने का न्योता मिला था, लेकिन शाहाबाद में कार्यकर्ताओं की सक्रियता और रणनीतिक लिहाज़ से यह क्षेत्र अधिक अनुकूल माना जा रहा है.

भोजपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने चिराग पासवान के समर्थन में बड़े पैमाने पर पोस्टर लगाए हैं. यह अभियान लोजपा-रामविलास के नेता इमाम गजाली और प्रवक्ता राजेश भट्ट की अगुवाई में चलाया गया है. पोस्टर में चिराग को शाहाबाद से चुनाव लड़ने का न्योता देते हुए बताया गया है कि इस बार कार्यकर्ता उन्हें भारी मतों से विजयी बनाएंगे. इससे यह भी स्पष्ट संकेत मिला है कि पार्टी ने आंतरिक रूप से सीट लगभग तय कर ली है.

आरक्षित बनाम सामान्य सीट की रणनीति

पार्टी में इस बात पर भी मंथन चल रहा है कि चिराग पासवान को किसी आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि सामान्य सीट से चुनाव मैदान में उतारा जाए. पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण भारती के मुताबिक, कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि चिराग पूरे बिहार का प्रतिनिधित्व करें, और यह तभी संभव है जब वे एक सामान्य सीट से चुनाव लड़ें. इससे उनकी छवि सिर्फ दलित नेता के बजाय व्यापक बिहार नेतृत्व के रूप में स्थापित होगी.

शाहाबाद की ज़मीनी हकीकत

शाहाबाद क्षेत्र में कभी एनडीए का मजबूत आधार था, लेकिन पिछले दो चुनावों में यहां उसे झटका लगा है. 2020 विधानसभा चुनाव में एनडीए को 22 में से महज दो सीटें मिली थीं, और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी वह पिछड़ गई. अब एनडीए इस इलाके में वापसी की पूरी कोशिश कर रहा है. ऐसे में चिराग की उम्मीदवारी यहां एक नया सियासी संतुलन पैदा कर सकती है.

पीएम मोदी की टिकी थीं नजरें

शाहाबाद की रणनीतिक अहमियत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में बिक्रमगंज से बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद किया था. यह संकेत था कि एनडीए इस क्षेत्र में अपनी पकड़ दोबारा मजबूत करने की कोशिश में जुटा है. चिराग पासवान की एंट्री से इस मिशन को मजबूती मिल सकती है, क्योंकि वे दलित और युवा मतदाताओं के बीच प्रभावी चेहरा हैं.

चिराग बनेंगे NDA के 'गेंमचेंजर'?

2025 विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है. चिराग पासवान का शाहाबाद से चुनाव लड़ना केवल एक सीट का सवाल नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र में एनडीए की वापसी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. यदि वे यहां से चुनाव जीतते हैं, तो न सिर्फ लोजपा-रामविलास की साख बढ़ेगी, बल्कि एनडीए को भी बिहार में नई ऊर्जा मिल सकती है.

चिराग पासवान
अगला लेख