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विधानसभा चुनाव से पहले क्यों हो रहा नीतीश कैबिनेट का विस्तार? इन नेताओं को बनाया जा सकता है मंत्री

बिहार में चुनाव से पहले कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. 28 फरवरी से पहले कैबिनेट विस्तार संभव है. भाजपा कोटे से 3-4 और जदयू कोटे से 2-3 नए मंत्री शामिल हो सकते हैं. कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं. सरकार सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाएगी.

विधानसभा चुनाव से पहले क्यों हो रहा नीतीश कैबिनेट का विस्तार? इन नेताओं को बनाया जा सकता है मंत्री
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 26 Feb 2025 9:02 AM

बिहार में कैबिनेट विस्तार को लेकर एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं. अगर सीएम नीतीश कुमार की सहमति मिलती है, तो 28 फरवरी से शुरू होने वाले बिहार विधानमंडल सत्र से पहले ही कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है. इस बार भाजपा कोटे से तीन से चार और जदयू कोटे से दो से तीन नए मंत्री शामिल किए जा सकते हैं.

इसके साथ ही, कुछ मौजूदा मंत्रियों को पद से हटाने या उनके विभाग बदलने की संभावना भी जताई जा रही है. मंगलवार को भाजपा कोर कमेटी की बैठक में संभावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा की गई. अब सवाल ये है कि विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट विस्तार की क्यों जरूरत पड़ गई?

30 से 36 हो सकती है मंत्रियों की संख्या

बिहार विधानसभा में फिलहाल मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की कुल संख्या 30 है लेकिन ये संख्या बढ़कर 36 हो सकती है. वर्तमान में भाजपा के पास दो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के साथ 15 मंत्री हैं, जबकि जदयू की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित 13 मंत्री हैं. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) कोटे से संतोष मांझी को दो विभाग दिए गए हैं, जबकि निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी मंत्रिमंडल में शामिल हैं. जिन मंत्रियों के पास दो-दो विभाग हैं, उनसे एक विभाग वापस लिया जा सकता है.

किन नामों पर हो रही चर्चा

बताया जा रहा है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के पास मंत्री पद भी है. ऐसे में एक पद के सिद्धांत पर वह मंत्री पद छोड़ सकते हैं. वहीं, नवल किशोर यादव, जीवेश कुमार, अनिल शर्मा, और कविता देवी को मंत्री बनाने की चर्चा चल रही है. दो दिन की यात्रा पर आए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मामले पर चर्चा की थी.

कई जिलों से नहीं हैं मंत्री

बता दें, वर्तमान में राज्य के कई जिलों से कोई मंत्री नहीं है, जिससे सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सरकार जिलेवार संतुलित प्रतिनिधित्व देने का प्रयास करेगी. इस बात की भी संभावना है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले बिहार में प्रदेश परिषद की बैठक आयोजित की जाए, जिसमें कैबिनेट विस्तार से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं.

क्यों खास ये कैबिनेट विस्तार?

बिहार की राजनीति में यह कैबिनेट विस्तार काफी अहम माना जा रहा है. चुनाव से पहले इसमें जहां कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं, वहीं कुछ पुराने मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है. इसके अलावा, विभिन्न विभागों में बदलाव की चर्चा ने भी राजनीतिक हलचल तेज कर दी है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कैबिनेट विस्तार की यह प्रक्रिया बिहार की राजनीति को किस दिशा में मोड़ती है.

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