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ड्रोन-रोबोट की ली जा रही मदद, अब तक नहीं मिली सफलता; टनल में फंसे मजदूरों को निकालने में लगी 11 एजेंसियां

तेलंगाना की सुरंग में फंसे 8 मजदूरों को लगातार निकालने का प्रयास तो किया जा रहा है. लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं लगी है. ड्रोन, रोबोट की मदद भी ली जा रही है. 11 एजेंसियां रेस्क्यू कर रही हैं. इस मामले पर तेलंगाना के डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार तब तक हार नहीं मानने वाली है जब आठ लोगों को ढूंढ नहीं लिया जाता.

ड्रोन-रोबोट की ली जा रही मदद, अब तक नहीं मिली सफलता; टनल में फंसे मजदूरों को निकालने में लगी 11 एजेंसियां
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( Image Source:  Social Media: X )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 26 Feb 2025 8:02 AM IST

तेलंगाना में टनल में फंसे आठ लोगों को निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है. जानकारी के अनुसार ड्रोन, रोबोट सब को रेस्क्यू के लिए लगा दिया गया है. यहां तक की 11 एजेंसियों द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा है. इन सब प्रयासों के बाद भी सफलता हाथ नहीं लगी है. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार तब तक हार नहीं मानने वाली है जब आठ लोगों को ढूंढ नहीं लिया जाता.

उन्होंने कहा कि 'इन आठ लोगों का जो भी करना पड़े वो किया जाएगा. हम उन्हें बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. हमें जितने दिन लगे या फिर जो करना होगा हम करेंगे. दरअसल डिप्टी सीएम भट्टी विक्रमारक घटनास्थल का दौरा करने गए थे. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीम ने 13.85 किलोमीटर लंबी सुरंग के 13.79 किलोमीटर तक का दायरा खंगाल चुके हैं. लेकिन आखिरी हिस्से में पानी और कीचड़ जमा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है.

11 एजेंसियां कर रही रेस्क्यू

इसी संबंध में सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 11 राष्ट्रीय और राज्य एजेंसियां तैनात हैं. इन 11 एजेंसियों में सेना, नौसेना, मार्कोस कमाांडो, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य प्रतिक्रिया बल, MORPH, सिंहरेनी , HYDRAA, भारतीय भूविज्ञानिक सर्वेक्षण, नवयुग और एलएंडटी सुरंग विशेषज्ञ और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) इस अभियान में शामिल हैं.

अब तक नहीं हो पाया रेस्क्यू

दरअसल इस हादसे के बाद रेस्क्यू टीम लगातार मजदूरों को निकालने में जुटी है. लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई. इसके पीछे का कारण कीचड़, लोहे की छड़ें और सीमेंट के ब्लॉक्स हैं. इनके कारण सुरंग के कारण पहुंचपाना मुश्किल हो पा रहा है. गैस कटर का सहारा लिया जा रहा है. ताकी उससे लोहे की छड़ों को काट दिया जा सके.

कैसे हुआ हादसा?

दरअसल 22 फरवरी को इस सुरंग के अंदर आठ मजदूर काम कर रहे थे. उसी समय सुरंग के 13 से 14 किलोमीटर अंदर छत का एक हिस्सा गिर गया था. जिस समय ये हादसा हुआ सुरंग में 8 मजदूर थे जो अंदर ही फंसे रह गए . जानकारी के अनुसार कई मजदूर घायल हो गई. जिन्हें अस्पताल भर्ती करवा दिया गया है. लेकिन अब अंदर फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिश की जा रही है.

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